रचना
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हे विधाता ! हूं जगत जननी मगर मजबूर हूं।
हे विधाता ! हूं जगत जननी मगर मजबूर हूं। हूॅ परम मैं पूज्य..पूजा से मगर मैं दूर हूॅ। आरती होती…
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मैं नारी हूँ, मैं विष पीती हूँ..
*मैं नारी हूँ* ●●●●●●● मैं नारी हूँ, मैं विष पीती हूँ, और….. तुम्हें अमृत देती हूँ। मैं ऊषा हूँ, मैं…
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स्नेहिल प्रभात वंदन सभी को। ईश्वर कृपा बनाये रखें।
स्नेहिल प्रभात वंदन सभी को। ईश्वर कृपा बनाये रखें। होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं। आपकी शुभचिंतक होने के नाते अपने…
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होली का त्यौहार रंगीला मन में भरे उमंग।
होली का त्यौहार रंगीला मन में भरे उमंग रंगे प्रेम के रंग में जो भी चढे न दूजा रंग जोगीरा…
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नारी जीवन, तेरी कहानी बड़ी निराली।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कविता नारी जीवन, तेरी कहानी बड़ी निराली, बड़ी बेगानी|| कभी है अबला कभी है सबला, कभी…
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हर नारी में दिखता हैं प्यार।
नारी की महिमा में हुं एक नारी नारी के कही है रूप हर नारी में दिखता हैं प्यार अनेक रूपों…
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क्यों समझा इसे बेचारी है, इसने ना हिम्मत हारी है।
विषय -“आज की नारी “ विधा- कविता क्यों समझा इसे बेचारी है, इसने ना हिम्मत हारी है l हर परीक्षा…
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नारी तेरा सपना सच हुआ क्या।
नारी तेरा सपना सच हुआ क्या स्त्री ने सीता,पन्ना,बनकर अभी तक जो त्याग किया, बदले में इस संसार से, कुछ…
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नारी तुम नारायणी नमोस्तुते वंदन
नारी तुम नारायणी नमोस्तुते वंदन होती उसकी बरकत नारी रखती मान नवरात्रि के रूप समाहित देवी स्वरूपा सौभाग्य उनका बनता…
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