JANDRASHTIउत्तर प्रदेश समाचाररचना

नारी तेरा सपना सच हुआ क्या।

नारी तेरा सपना सच हुआ क्या

स्त्री ने सीता,पन्ना,बनकर अभी तक जो त्याग किया,

बदले में इस संसार से, कुछ लिया क्या?

नारी जैसा करुणामई, प्रेमपूर्ण संसार में कोई नहीं,

त्याग, संयम और सहनशीलता में नारी से बढ़कर कोई नहीं,

अग्नि परीक्षा देती आई नारियां, जो द्रवित ना हो वह ‘हिया’ क्या?

इस पुरुष प्रधान समाज ने, नारियों को, दिया तो दिया क्या?

कैसे भला हो ऐसे समाज का, जो जीता है खुद के लिए,

जीना भला है नारी का, जो जीती है जगत को जीवन देने के लिएl

सब्र की मिसाल, हर रिश्ते की ताकत हो तुम,

अपने हौसलों से, तकदीर बदलने वाली परवाज हो तुम l

जगत को जीवन देने वाली, तुमने अपने सुख के लिए किया किया?

तकदीर अपनी बनाने के लिए तुमने जिया क्या?

वजूद अपना भूला कर संवारी रिश्तो की डोरियां,

क्या कभी भर पाई, खुशियों से तेरी झोलिया,

कहते हैं- ”जननी जन्मभूमि स्वर्गादपि गरीयसी”

वास्तविकता से परे यह सपना सच हुआ क्या?

रचनाकार 

आजाद पटेल नवाचारी शिक्षक इंदौर मध्यप्रदेश

JANDRASHTI.COM

जन दृष्टि - व्यवस्था सुधार मिशन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button