रचना
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खुशियाँ ही बस, सबको दूँ मै, कोई मुझसे न, रहे उदास
जय माता दी माँ तुझसे इक विनती है….. सुना है तू, सबकी सुनती है……. माँ इतनी सी, है अरदास, तू…
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आदिशक्ति का तीसरा स्वरुप माँ चंद्रघंटा……..
सुन्दर, मोहक और सजीला, है माता तेरा रूप। जो ध्वाये माँ तुमको मन से, ना उसे सताती गम…
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