December 26, 2024

मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम के लोक उपयोगी प्रावधानों को क्रियाशील बनाने की जरूरत।

हर जनपद में स्थापित हो मानवाधिकार थाना।निष्क्रिय हैं राज्य मानवाधिकार आयोग।अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के प्रावधानों को प्रभावी बनाए जाने हेतु एक ऑनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के अध्यक्ष/संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 में मानव के अधिकारों के संरक्षण की व्यवस्था दी गई है।

इस अधिनियम मे प्रत्येक नागरिक के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा को संरक्षित करने की गारंटी दी गई है। मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 3 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवम् धारा 21 में प्रत्येक राज्य में राज्य मानवाधिकार आयोग के गठन की व्यवस्था है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग फिर भी सक्रिय हैं किंतु राज्य मानवाधिकार आयोग निष्क्रिय है। आयोग को धारा 13 में प्राप्त शिकायतों पर जांच का अधिकार है, साथ ही धारा 14 में किसी भी प्रकरण को विवेचना कराए जाने हेतु केंद्रीय अथवा राज्य की जांच एजेंसियों को निर्देशित करने की शक्ति प्राप्त है। प्रत्येक जनपद में मानवाधिकार न्यायालय के गठन की धारा 30 में व्यवस्था है, मानवाधिकार न्यायालय मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में विचारण करेगा, इन न्यायालयों में विशेष लोक अभियोजक की भी नियुक्ति की जायेगी। किन्तु मानवाधिकार न्यायालय क्रियाशील नही हो सके है, साथ ही राज्य द्वारा विशेष लोक अभियोजक की नियुक्तियां भी नही की गई है।श्री राठोड़ ने कहा कि जिस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम बनाया गया है, अब तक वह उन उद्देश्यों को प्राप्त नही कर सका है। समस्त राज्यों में राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन कर क्रियाशील बनाए जाने की आवश्यकता है, साथ ही आयोग को जांच के साथ विवेचना कराए जाने की शक्ति के प्रयोग की भी जरूरत है ताकि मानवाधिकार न्यायालय सक्रिय हो सके, अधिनियम की धारा 37 का प्रयोग करते हुए सरकार को मानवाधिकार उल्लंघन से संबंधित अपराधो की विवेचना और अभियोजन हेतु विशेष जांच दल गठित करना चाहिए तथा प्रत्येक जनपद में एक मानवाधिकार थाना की स्थापना की जाए, जिसका नियंत्रण राज्य/राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में निहित हो।ऑनलाइन विचार गोष्ठी में मार्गदर्शक धनपाल सिंह, संरक्षक एम एल गुप्ता, सुरेश पाल सिंह चौहान, डॉ सुशील कुमार सिंह, केंद्रीय कार्यालय प्रभारी राम गोपाल , प्रदेश समन्वयक सतेंद्र सिंह गहलौत , मंडल समन्वयक एम एच कादरी , जिला समन्वयक आर्येंद्र पाल सिंह, सह जिला समन्वयक महेश चंद्र, राम लखन, तहसील समन्वयक विपिन कुमार सिंह एडवोकेट, प्रमोद कुमार, भुवनेश कुमार, विनोद गुप्ता, कृष्ण गोपाल आदि की सहभागिता रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *