जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान में अध्यक्ष/ संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग मे व्याप्त अनियमितताओं के विरुद्ध जिलाधिकारी बदायूं को पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए व्यवस्था सुधार मिशन के संस्थापक/ अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि जनपद बदायूं में वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी के संरक्षण में बड़ी संख्या में मानक के विरुद्ध, बिना पंजीकरण के निजी चिकित्सालय, अल्ट्रासाऊंड सेंटर व पैथोलॉजी लैब संचालित है, जिस कारण नागरिकों का जीवन महंगा इलाज कराने के बाद भी असुरक्षित हैं।
नागरिकों को निजी चिकित्सीय सेवा लेने को विवश किया जाता है। उदाहरण स्वरूप समस्त राजकीय चिकित्सालयो के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने निकट अनेक मेडिकल स्टोर, जॉच केन्द्र, निजी एंबुलेंस तथा निजी चिकित्सालय भी संचालित है, इनकी सेवा राजकीय चिकित्सालयो में आने वाले नागरिक जिम्मेदारों के निर्देश पर लेने को विवश होते हैं। नव स्थापित राजकीय मेडिकल कालेज के सामने लगभग दो दर्जन मेडिकल स्टोर स्थित है। शासन द्वारा नागरिकों को निशुल्क/ सस्ती व गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा सेवा प्रदान करने को अनेक उपाय किए गए हैं किंतु नागरिक लाभान्वित नही हो पा रहे हैं।
श्री राठोड़ ने कहा कि चिकित्सा का क्षेत्र सेवा का क्षेत्र है किंतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूं ने चिकित्सा क्षेत्र को वाणिज्यिक क्षेत्र की मान्यता दे रखी है। एक आर टी आई आवेदन का 142 दिन बाद उत्तर देकर निजी चिकित्सालयो, अल्ट्रासाऊंड सेंटर, पैथालॉजी लैब का विवरण इसी आधार पर देने से मना कर दिया कि संचालकों के वाणिज्यिक हित प्रभावित होगे। नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सेवाएं प्राप्त हो सके इसके लिए संगठन ने आज नवागत जिलाधिकारी को पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से संरक्षक एम एल गुप्ता, सुरेश पाल सिंह, केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल, सह केन्द्रीय कार्यालय प्रभारी अखिलेश सिंह, जिला समन्वयक सतेन्द्र सिंह, सह जिला समन्वयक असद अहमद, तहसील समन्वयक आर्येन्द्र पाल सिंह, वीरपाल सिंह, धर्मपाल सिंह, देवेन्द्र शाक्य व ओमकार आदि उपस्थित रहे।