विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय बदायूं की ओर से राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में प्राचार्या प्रोसेसर वंदना शर्मा के निर्देशन में विश्व ओजोन दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया ,जिसमें शिक्षक एवं छात्राओं ने भाग लिया ।इस अवसर पर प्राचार्या महोदया ने कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि, उन पदार्थों का प्रयोग कम करना या उत्पादन कम करना जिससे ओजोन परत को नुकसान पहुंचता हो।
जैसे- ऐसे प्रोडक्ट, प्लास्टिक कंटेनर, एयरोसोल या स्प्रे जिसमें क्लोरोफ्लोरोकार्बन हो, उनका बहुत अधिक उपयोग नहीं करना चाहिए। वाहनों से ज्यादा धुंआ निकलना, प्लास्टिक, टायर, रबर आदि को नहीं जलाना चाहिए, क्योंकि यह ओजोन परत को खत्म करने का सबसे बड़ा कारण है। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. इति अधिकारी ने कहा कि ओजोन भारत अल्ट्रावॉयलेट किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है, जिससे कई प्रकार की बीमारी एवं कैंसर का खतरा होता है यदि इस परत में छेद जाए तो अल्ट्रावायलेट किरणें सीधे धरती पर प्रवेश करेंगी जिसका परिणाम भयानक होगा। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अनीता सिंह ने कहा कि ओजोन लेयर ओजोन स्तर एक गैस स्तर है जो हमारी पृथ्वी के वायुमंडल में पाई जाती है यह हमारी पृथ्वी को सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाती है जिससे पृथ्वी पर जीवन की उपस्थिति संभव हो पाती है।
डॉ.उमा सिंह गौर ने बताया कि हमें पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। सुश्री शालु गुप्ता ने कहा कि हमें प्रकृति द्वारा प्रदत्त दी गई संसाधनों के दोहन से बचना चाहिए जिसका प्रभाव हमारे पर्यावरण पर पड़ता है। दिवस पर छात्राओं ने ओजोन से संबंधित गोष्ठी में भाग लिया एवं अपने विचार प्रस्तुत किए ।इसके साथ ही छात्राओं ने प्रतिज्ञा ली कि ओजोन परत को नुकसान पहुंचने वाले हानिकारक चीजों का प्रयोग नहीं करेंगे।इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार की सभी शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।