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मिशन शक्ति विशेष अभियान के तहत “कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न” विषय पर सेमिनार एवं भाषण प्रतियोगिता व कन्याभ्रूण हत्या एवं बेटी बचाव एवं बेटी पढ़ाव स्लोगन एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
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गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय बदायूँ की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आई० क्यू०ए० सी०) के तत्वावधान में कॉर्डिनेटर आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आई० क्यू०ए० सी०)व प्रभारी मिशन शक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती के संयोजन एवं नेतृत्व में व प्राचार्या प्रोफेसर डॉ वंदना शर्मा के संरक्षण एवं निर्देशन में चलाए जा रहे में चलाए जा रहें “मिशन शक्ति विशेष अभियान के तहत “कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न” विषय पर सेमिनार एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।” जिसके तहत कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न, कारण एवं निवारण ” के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। 08 जून को कन्याभ्रूण हत्या एवं बेटी बचाव बेटी पढ़ाव पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग लिया। प्राचार्या प्रोफेसर वंदना शर्मा ने बताया कि आज भी घरों में महिलाओं के साथ कई रूपों में हिंसा जारी है। वो चाहे घर हो या बाहर।
घरेलू हिंसा रोकने के लिए कानून बना। ततपश्चात काम की जगह पर भी हिंसा की शिकार होने पर अगस्त 1997 में सर्वोच्च न्यायालय ने देश में कार्यस्थल पर लैंगिक एवं यौन उत्पीड़न रोकने के लिए विशाखा दिशानिर्देश बनाए थे। अब विचारणीय यह है कि क्या हमारा समाज महिलाओं के लिए एक असुरक्षित और अपमानजनक जीवन जीने का स्थान है? हम इंतजार करेंगे कि कोई विशाखा, भंवरी देवी या निर्भया आए और उनके अस्तित्व दांव पर लगने के बाद सरकार और समाज जागेगा? सन् 2013 में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम को पारित किया गया था। जिन संस्थाओं में दस से अधिक लोग काम करते हैं, उन पर यह अधिनियम लागू होता है l ये अधिनियम, 9 दिसम्बर, 2013, में प्रभाव में आया था। जैसा कि इसका नाम ही इसके उद्देश्य रोकथाम, निषेध और निवारण को स्पष्ट करता है और उल्लंघन के मामले में, पीड़ित को निवारण प्रदान करने के लिये भी ये कार्य करता है।
कार्यक्रम प्रभारी असिस्टेंट प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती ने बताया किसी भी व्यक्ति का महिला सहकर्मी को उसकी इच्छा के खिलाफ छूना या छूने की कोशिश करना शारीरिक रिश्ता/यौन सम्बन्ध बनाने की मांग करना यौन स्वभाव की (अश्लील) बातें करना अश्लील तसवीरें, फिल्में या अन्य सामग्री दिखाना, कोई अन्यकर्मी यौन प्रकृति के हों, जो बातचीत द्वारा , लिख कर या छू कर किये गए हों, ऐसे व्यवहार या कृत्य को यौन उत्पीड़न माना जायेगा और पीड़िता इसकी शिकायत कर सकती है।
डॉ इन्दु शर्मा ने बताया कि लड़का और लड़की समाज के अभिन्न अंग है, दोनों के बिना ही समाज अपंग है।
डॉ श्रद्धा यादव ने कहा कि जब तक देश के सभी क्षेत्रों में महिलाओं को समान अवसर नहीं मिलेगा तब तक देश में महिला शक्ति का समुचित उपयोग नहीं हो पायेगा। भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई जिसमें क्रमशः प्रथम पलक, द्वितीय राजकुमारी और तृतीय स्थान पर पूनम यादव रही। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम पूनम,अर्चना संयुक्त रूप से, द्वितीय स्नेहा रितिका, और तृतीय स्थान पर अनीता रही। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन सरला चक्रवर्ती ने किया। इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।