November 22, 2024

सर्व समाज ने पुण्य तिथि पर किया महाराणा प्रताप का भावपूर्ण स्मरण।

महाराणा प्रताप विकास ट्रस्ट एवं क्षत्रिय महासभा बदायूं के तत्वावधान में महाराणा प्रताप की पुण्य तिथि के अवसर पर पुष्पों से सुसज्जित महाराणा प्रताप चौक पर महाराणा प्रताप विकास ट्रस्ट व क्षत्रिय महासभा बदायूं के पदाधिकारियों व गणमान्य नागरिकों, जन प्रतिनिधियों ने राष्ट्र नायक, जन जन की आस्था के केंद्र महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री वी एल वर्मा, पूर्व राज्य मंत्री व विधायक महेश चंद्र गुप्ता, विधायक बिल्सी हरीश शाक्य, जिला अध्यक्ष भाजपा राजीव कुमार गुप्ता, ब्लाक प्रमुख दातागंज अतेंद्र विक्रम सिंह, दिनेश कुमार सिंह ब्लाक प्रमुख पति, ब्लाक प्रमूख उझानी शिशुपाल शाक्य, ब्लाक प्रमुख कादर चौक वीरेंद्र राजपूत, ब्लाक प्रमुख समरेर धीरज सक्सेना, वरिष्ठ भाजपा नेता हरि ओम पाराशरी, सेवा निवृत्त प्रशासनिक अधिकारी भीमसेन सागर, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत मनोज कुमार सिंह, नगर मजिस्ट्रेट बदायूं, जिला पंचायत सदस्य झंडू भईया, प्रतिष्ठित समाजसेवी रवि प्रताप सिंह आदि ने माल्यार्पण कर आस्था का प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर कछला घाट थाना का नामकरण भागीरथ घाट थाना किए जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी बदायूं के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांगपत्र प्रेषित किया, मांगपत्र की एक एक प्रति केंद्रीय राज्य मंत्री सहित विधायक बदायूं एवम् बिल्सी को भी सौंपी गई।

इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री पूर्वात्तर विकास व सहकारिता बी एल वर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप एक सच्चे राष्ट्रभक्त थे, महान योद्धा थे, शस्त्र और शास्त्र पर उनका समान अधिकार था। उन्होंने अपना सर्वस्व देश के लिए न्योछावर कर दिया। उनकी वीरगाथा की कहानियां भारत में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में सुनाई जाती है। महाराणा प्रताप ने सर्व समाज को लेकर देश की एकता और अखंडता के लिए जीवन भर कार्य किया। उन्हे किसी जाति और समाज की सीमा में नही बांधा जा सकता है। सौभाग्य से आज हमारे देश प्रदेश को महाराणा प्रताप की परम्परा पर कार्य करने वाला नेतृत्व मिला हुआ है। महा मानव की पुण्यतिथि पर हम सबको महाराणा प्रताप के बताये गये मार्ग पर चलने का संकल्प लिए जानें की आवश्यकता है।

महाराणा प्रताप विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हमने उस भारत भूमि मेंं जन्म लिया जहां महाराणा प्रताप जैसे राष्ट्रभक्त पैदा हुए । महाराणा प्रताप वीर शिरोमणि होने के साथ ही राष्ट्रीय स्वाभिमान के प्रतीक हैं। सम्पूर्ण जीवन उन्होंने देश और समाज के लिए जिया। हमारे देश के नागरिकों को महाराणा प्रताप से देश और धर्म पर सर्वस्व न्यौछावर करने के पथ पर चलने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

क्षत्रिय महासभा उत्तर प्रदेश के प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ सुशील कुमार सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप एक महान योद्धा तो थे ही वह एक आर्टिस्ट भी थे, कवि व लेखक भी थे। प्रकृति प्रेमी होने के कारण जंगल में रहना स्वीकार किया, वह शाकाहारी थे। समाज के हर वर्ग भील, वनवासी, आदिवासी को आदर की दृष्टि से देखते थे। उनकी देशभक्ति से प्रेरित होकर ही उनके चरणों में भामाशाह ने अपना सर्वस्व समर्पण कर दिया। महाराणा प्रताप को चित्तौड़ अथवा मेवाड़ तक ही सीमित नहीं किया जा सकता वे भारत माता के सच्चे सपूत थे, भारत माता की गोद में जन्म लेकर उन्होने भारत भूमि को धन्य कर दिया। गर्व का विषय है कि आज संपूर्ण राष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरा विश्व उनका स्मरण कर रहा है।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से धनपाल सिंह, आचार्य प्रताप सिंह, राजेंद्र सिंह तोमर, टीकम सिंह, विजय पाल सिंह भदौरिया, गोपाली सिंह, राजपाल सिंह, विजय रत्न सिंह, राणा प्रताप सिंह, रतन वीर सिंह, उमेश कुमार सिंह, गिरीश पाल सिंह, सौरभ धर्मेंद्र प्रधान, शोभित तोमर, महीपाल सिंह तोमर राकेश सिंह, अखिलेश चौहान, दिनेश सिंह एडवोकेट, सूरज पाल सिंह सोलंकी एडवोकेट, वेद पाल सिंह, धर्मेंद्र सिंह वैध, करुणा सोलंकी, सुरेश सिंह, राम प्रताप सिंह, आर्येंद्र पाल सिंह, सतेंद्र सिंह, शिशुपाल सिंह, शेर बहादुर सिंह, मनोज कुमार सिंह, अभिषेक पुंडीर, सौरभ सिंह, शोवित तोमर, अजय प्रधान, रीना राघव, अमिता उपाध्याय, मोनिका गंगवार, जग मोहन सिंह राघव, अशोक कुमार सिंह, रंजीत सिंह, सुमित कुमार सिंह।

सोवरन सिंह राजपूत, सौरभ शंखधर, अमन मयंक शर्मा, राज कमल साहू, ज्ञान सिंह पुंडीर, गौरव तोमर, आलोक चौहान, गोपेष चौहान, धमेंद्र सिंह, सोमवीर सिंह, सुरेश सिंह, अरविंद सिंह, पिंटू सिंह, वेद प्रकाश सिंह, रिद्धि प्रताप सिंह, प्रेम पाल सिंह, कृष्ण पाल सिंह, राजीव कुमार सिंह, रंजीत सिंह, राजकुमार सिंह, मनोज एडवोकेट, विनोद सोलंकी, सत्यवीर सिंह चौहान, जितेंद्र एडवोकेट सहित क्षत्रिय युवा सभा, क्षत्रिय महिला सभा, क्षत्रिय सैनिक सभा, क्षत्रिय अधिवक्ता सभा, क्षत्रिय दिव्यांग सभा, क्षत्रिय शिक्षक सभा, क्षत्रिय व्यापार सभा के पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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