क्या पूर्व की तरह नागरिकों के लिए खुल सकेगे जिलाधिकारी कार्यालय के दरवाजे ?
दिनेश कुमार सिंह के कार्यकाल में जिलाधिकारी बदायूं कार्यालय पर नागरिकों की भीड़ उमड़ती थी। समस्याओं के समाधान की आशा लेकर आए नागरिक निराश नहीं होते थे, जिले के सबसे बड़े अधिकारी उनकी बात सुनते थे, मोबाईल फोन पर भी नागरिक अपनी समस्या बताते थे।
उनके स्थानांतरण के पश्चात कुमार प्रशान्त द्वारा भी नागरिकों से संवाद का क्रम बनाए रखा गया। किंतु निवर्तमान जिलाधिकारी के कार्यकाल में यह परंपरा समाप्त सी हो गई। जनता से मिलने के समय में अधीनस्थ अधिकारियों से घिरे रहने तथा उसी समय में बैठक आयोजित होने के कारण नागरिक जिले के सबसे बड़े अधिकारी की बजाय अधीनस्थ अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर चले जाते थे, मोबाईल फोन पर भी संवाद नही होता था। परिणामस्वरूप नागरिकों का जिलाधिकारी कार्यालय से मोहभंग सा हो गया।
नवागत जिलाधिकारी जनपद से पूर्व से परिचित हैं । कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात से ही जनपद बदायूं के नागरिकों में एक आस बंधी है कि पूर्व की भांति लोक संवाद की परिपाटी जिलाधिकारी कार्यालय में पुन: आरंभ होगी ।