उत्तर प्रदेश समाचारभ्रष्टाचार

स्वास्थय विभाग बदायूं का कारनामा, हस्ताक्षरित न होने के साथ ही निर्धारित प्रारूप पर भी नही है प्रेषित पत्र।

सूचना देने से मना करने में लगा दिए 142 दिन।

हस्ताक्षरित न होने के साथ ही निर्धारित प्रारूप पर भी नही है प्रेषित पत्र।

24 मई 2022 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूं के जन सूचना अधिकारी से जनपद के प्रतिष्ठित सूचना सामाजिक कार्यकर्ता हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने दो बिंदुओ पर सूचना प्रदान करने हेतु आवेदन किया। तीस दिन की निर्धारित अवधि में स्वभावनुसार सूचना नहीं दी गई।


प्रथम अपील मुख्य चिकित्सा अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की गई। उनके द्वारा अपील में क्या कार्यवाही की गई, अपीलार्थी को सुचित नही किया गया जबकि अपीलार्थी को सुचित किया जाना आवश्यक है।

श्री राठोड़ द्वारा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 166 व 217 के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कराए जाने हेतु उच्चाधिकारियों से शिकायत की जो संदर्भ संख्या 60000220130928, 60000220161046 एवम 60000220166954 में पंजीकृत हैं। इन शिकायतों की जांच भी शिकायतो को बिना पढ़े ही शासनादेश का उल्लंघन कर आरोपी को ही सौप दी गई।
इस सम्बंध में दिनांक 30- 09- 2022 को मंडल आयुक्त बरेली, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन एवम मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव व प्रामुख सचिव को प्रेषित की गई है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लगा कि अब सूचना देनी ही पड़ेगी तो सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 एवम उत्तर प्रदेश सूचना का अधिकार नियमावली 2015 तथा शासन द्वारा निर्गत मार्गदर्शिका का उल्लंघन करते हुए पत्र संख्या 1907 दिनांकित 11- 10- 2022 के द्वारा सूचना देने से मना कर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि उक्त पत्र निर्धारित प्रारूप पर नहीं है साथ ही सक्षम अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित भी नहीं है।

मुख्य सूचना आधिकारी और उनके जन सूचना अधिकारी के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराए जाने हेतु दिनांक 15- 10- 2022 को सम्बन्धित पुलिस स्टेशन में पत्र प्रस्तुत किया जायेगा। आवश्यकता पड़ने पर न्यायालय का आश्रय भी लिया जाएगा।

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