आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय बदायूं में स्वतंत्रता सप्ताह के अंतर्गत चौथे दिन भारत विभाजन विभीषिका दिवस का आयोजन कर उस वीभत्स त्रासदी में शहीद हुए निर्दोष नागरिकों को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। भारत विभाजन के इतिहास से छात्र छात्राओं को परिचित कराने के लिए डॉक्यूमेंट्री चलचित्र का प्रसारण किया गया। इतिहास विभाग के तत्वाधान में वेबीनार का आयोजन कर उस काल की राजनीतिक परिस्थितियों से अवगत कराया गया।
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत चलाए जा रहे स्वतंत्रता सप्ताह के चौथे दिन की शुरुआत प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता के द्वारा ध्वजारोहण के साथ हुई। सभागार में डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रसारण हुआ जिसको देखने के बाद मर्माहत शिक्षकों और एनसीसी के कैडेट्स ने मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित किया। राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ राजधारी यादव ने विभाजन विभीषिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अंग्रेजों की कुटिल नीति के कारण हुआ भारत विभाजन आज भी नासूर बना हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत का कश्मीर संकट और इस्लामिक आतंकवाद की जड़ें भारत के विभाजन विभीषिका से ही निकलती है।
इस अवसर पर डॉ सतीश सिंह यादव, डॉ राकेश कुमार जायसवाल, डॉ हुकुम सिंह, डॉ नीरज कुमार,डॉ दिलीप कुमार वर्मा, डॉ प्रेमचंद चौधरी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। इतिहास विभाग के द्वारा आयोजित वर्चुअल गोष्ठी में राजकीय महाविद्यालय कुचलाई सीतापुर की इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति बाजपेई ने विभाजन के इतिहास को विस्तार से बताया तथा राष्ट्रीय आंदोलन में मुस्लिम सांप्रदायिकता व द्विराष्ट्रवाद के कारण बताए। डॉ संजय कुमार ने जिन्ना के चौदह सूत्री मांगों की आलोचना करते हुए उस समय के राजनैतिक महापुरुषों की विवशता का विश्लेषण किया। वर्चुअल गोष्ठी का संचालन इतिहास के विभाग प्रभारी डॉ अनिल कुमार ने किया।