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अहिल्या बाई होल्कर का जीवन- चरित्र, व्यक्तित्व एवं कृतित्व विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

आज लोकमाता अहिल्या बाई होलकर त्रिशताब्दी महोत्सव आयोजन समिति, जनपद बदायूँ के तत्वावधान में गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय में पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर का जीवन- चरित्र, व्यक्तित्व एवं कृतित्व विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 20 छात्राओं ने प्रतिभाग किया।


कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या प्रोफेसर, कैप्टन,डॉ० इंदु शर्मा की अध्यक्षता में व त्रिशताब्दी महोत्सव बदायूँ की संयोजिका श्रीमती सीमा रानी के मुख्य आतिथ्य में माँ सरस्वती के समक्ष द्वीप जलाकर व लोकमाता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए समाजशास्त्र की विभागाध्यक्ष व चीफ़ प्रॉक्टर असिस्टेंट प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती ने कहा कि लोकमाता का जीवन नारी सशक्तीकरण, सुशासन व सेवा के पथ पर समर्पित रहा। वह एक ऐसी वीरंगना थी जिन्होंने भारतीय संस्कृति और मातृभूमि के संरक्षण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था।

प्राचार्या प्रोफेसर, कैप्टन,डॉ० इंदु शर्मा ने बताया कि, महारानी अहिल्याबाई जी ने केदारनाथ से रामेश्वरम और द्वारका से गया तक सांस्कृतिक विरासतों का पुनरोद्धार व लोकसेवा के समानांतर कार्य किये। उनका सम्पूर्ण जीवन हमारे लिए अनुकरणीय है। मुख्य अतिथि सीमा रानी ने छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि इस प्रतियोगिता को आयोजित कराने का मुख्य उद्देश्य आप सभी को लोकमाता के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से परिचित कराना था।

निर्णायक मंडल की भूमिका में डॉ निशी अवस्थी, डॉ शिखा पांडेय, डॉ शिल्पी शर्मा, डॉ निशा साहू रहीं। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान वेदांशी, द्वितीय स्थान पर गौरवी राजपूत एवं तृतीय स्थान पर कु० महविश रहीं। कार्यक्रम का संचालन समाजशास्त्र की विभागाध्यक्ष व चीफ़ प्रॉक्टर असिस्टेंट प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती व डॉ इति अधिकारी ने किया। कार्यक्रम में समस्त महाविद्यालय परिवार का सहयोग रहा।

असिस्टेंट प्रोफेसर सरला चक्रवर्ती
कार्यक्रम संयोजिका/ चीफ़ प्रॉक्टर
गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय, बदायूँ

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