November 22, 2024

।। जय माँ वीणापाणि ।।

सुर की देवी शारदे, वीणा की झंकार दे,

शब्दों को आकार दे, भावों को विस्तार दे।

गीतों को आधार दे, छंदों में रस धार दे,

निर्मल मन के तार दे, माता विमले प्यार दे।।

हे माँ वीणा वादिनी, तुम ही हो स्वर रागिनी,

विद्या की हो दायिनी, माता शुभ वर दायिनी।

कर में पुस्तक धारणी, भक्तों की हित कारिणी,

हम पर पग रज वार दे, भव सागर से तार दे।।

देखो आई कौन है, पूछो तो क्यों मौन है,

अश्कों के मोती भरे, तेरे चरणों में धरे।

वाणी को संचार दे, शब्दों का संसार दे,

मधुरिम सा व्यवहार दे , नव गति नव लय सार दे।।

विनती इतनी आज है, करुणामय आवाज है,

आई तेरे द्वार माँ कर दे बेड़ा पार माँ ।

पूरी करदे कामना, मन की मेरी भावना,

जग को तू बस तार दे, ममता का भंडार दे।।

मधुप्रिया चौहान, बदायूं (उत्तर प्रदेश)

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