ग्राम पंचायतों को दिए जाएंगे एक-एक सेट वाद्ययंत्र
बदायूँ : 05 दिसम्बर। मुख्य विकास अधिकारी ने अवगत कराया है कि संस्कृति विभाग, उ०प्र० शासन द्वारा लोक कलाकारों को ग्राम पंचायतों के समन्वय से वाद्ययंत्र क्रय के लिये अनुदान दिये जाने की कार्ययोजना अनुमोदित की गयी है जिसके अनुसार योजना के अन्तर्गत जनपद की ग्राम पंचायतों को एक-एक सेट वाद्ययंत्रों (हारमोनियम, ढोलक, झांज, मंजीरा, करताल अथवा घुंघरू इत्यादि) का क्रय कर संस्कृति विभाग, उ०प्र० द्वारा अनुदानित किया जाएगा।
जनहित में लोक कलाकारों के हितार्थ एवं प्रोत्साहन के दृष्टिगत वाद्ययंत्रों के कय हेतु शत-प्रतिशत धनराशि विभाग द्वारा वहन की जायेगी। चयनित ग्राम पंचायतों को वाद्य यंत्रों का एक-एक सेट लखनऊ में आयोजित समारोह में ग्राम प्रधान अथवा ग्राम प्रधान द्वारा नामित प्रतिनिधि को प्रदान किया जायेगा। वाद्ययंत्रों के सेट पर संस्कृति विभाग, उ०प्र० का नाम अंकन होगा।
प्रथम चरण में जनपद से 05 ग्राम पंचायतें, जो सांस्कृतिक आयोजन प्रिय हों अथवा जहाँ सांस्कृतिक गतिविधियों निरन्तर संचालित होती रहती हों, का चयन सम्बन्धित जिलाधिकारी द्वारा किया जायेगा।
वाद्ययंत्र प्रदान करने हेतु चयनित ग्राम पंचायतों के आवेदन पत्र सम्बन्धित जिलाधिकारी द्वारा निदेशक, संस्कृति निदेशालय, उ०प्र०, जवाहर भवन, लखनऊ को आदेश जारी होने की तिथि से 10 (दस) दिवस के अन्दर उपलब्ध कराये जाएगें।
जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में आवेदन प्राप्त न होने की स्थिति में विभाग द्वारा जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद् के माध्यम से अग्रसारित आवेदन पत्र सीधे स्वीकार किये जा सकेंगे।
भजन कीर्तन मण्डली/गुरू शिष्य परम्परा, स्थानीय लोकगीत/लोकनृत्य भजन, संरकार गीत, नुक्कड़ नाटक आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का निरंतर संचालन/आयोजित करने वाली ग्राम पंचायतों को वाद्ययंत्र अनुदान दिये जाने में प्राथमिकता दी जायेगी।
वाद्ययंत्रों के रख-रखाव एवं मरम्मत का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायत का होगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम सभा के सदस्यों/कलाकारों द्वारा मांगे जाने पर वाद्ययंत्र सांस्कृतिक आयोजनों हेतु उपलब्ध कराये जायेगें जिसका अंकन एक पृथक रजिस्टर में किया जायेगा।
वाद्ययंत्रों का उपयोग सांस्कृतिक उन्नयन, सांस्कृतिक विरासत का रक्षण, पर्यटन संवर्धन, स्वच्छ भारत मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, महिला सशक्तिकरण, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, ग्रामीण संस्कृति को अक्षुण्ण रखने तथा सरकार द्वारा संचालित लाभार्थी योजनाओं के प्रचार-प्रसार इत्यादि हेतु भी किया जा सकेगा।
ग्राम पंचायतों द्वारा युवा पीढ़ी को स्थानीय कला संस्कृति कृत विधाओं को प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियों/कार्यकमों/प्रशिक्षणों को आयोजित कर बढ़ावा दिया जायेगा।
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