November 6, 2024

गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयो के संचालन के लिए उत्तरदाई है शिक्षा विभाग।

एआरटीओ के संरक्षण में चल रहे हैं मानकों के विरुद्ध स्कूली वाहन।

हर बर्ष होता है गड्ढा मुक्ति घोटाला।

नवीगंज हादसे को लेकर जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के अध्यक्ष/संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने सिविल बार परिसर में प्रेस वार्ता का आयोजन किया। साथ ही एक छः सूत्रीय मांगपत्र प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को प्रेषित किए पत्र की प्रतियां मंडल आयुक्त बरेली एवम जिलाधिकारी बदायूं को भी भेजी गई है।

इस अवसर पर जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने बताया कि यह घटना पूरी तरह तन्त्र की विफलता का परिणाम है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय खुलेआम चल रहे हैं। एआरटीओ बदायूं के संरक्षण में मानक के विरुद्ध व फर्जी विद्यालय वाहन एवम डग्गामार वाहन बिना किसी भय के संचालित हो रहे हैं।

सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का बजट घोटाले का शिकार हो जाता है।

दुर्भाग्य का विषय है कि प्रशासन और शासन द्वारा बिना बजट अथवा कम बजट की योजनाओं व कार्यों की समीक्षा नही की जाती है। गत दिनों राज्यपाल को सम्मन भेजने का मामला सामने आया तो सहसवान मे एक गैर जिले का अपराधी अस्पताल चलाता पाया गया।

श्री राठौड़ ने बताया कि इस घटना के लिए पूरी तरह लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग और परिवहन विभाग उत्तरदाई है, इन विभागों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत हो। जिला प्रशासन द्वारा जांच हेतु गठित समिति में उत्तरदाई विभागों के दो अधिकारी भी सम्मिलित किए गए हैं, जिस कारण निष्पक्ष जांच सम्भव नहीं है। अभी तक शासन द्वारा भी मृतकों और घायलों के लिए आर्थिक सहायता देने की घोषणा न किया जाना चिंताजनक है।

आज हमने प्रदेश के राज्यपाल, मुख्य मंत्री, मुख्य सचिव सहित मंडल आयुक्त बरेली तथा जिलाधिकारी बदायूं को पत्र प्रेषित कर घटना के लिए उत्तरदाई विभागों शिक्षा विभाग, लोक निर्माण विभाग और परिवहन विभाग के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराएं जानें, मृतकों के परिजनों को दस दस लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को पांच लाख रुपए, अन्य घायलों को दो दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने,

जांच समिति से घटना के उत्तरदायी विभागों के अधिकारियों को पृथक किए जाने, सभी सरकारी, अनुदानित व मान्यता प्राप्त विद्यालयो का पूर्ण विवरण जनपद की वेबसाइट पर सार्वजनिक किए जाने, अग्नि सुरक्षा मानकों की जांच करने के साथ ही एआरटीओ बदायूं के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने सहित छः मांग उठाई है।

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