बाल अधिकार संरक्षण की समस्या को तत्काल कराएं दूर : सदस्य
बदायूँ : 18 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी ने मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार के साथ विकास भवन स्थित सभागार में बच्चों से सम्बन्धित विभागों द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की।
उन्होंने पीएम केयर, उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड), उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान) एवं स्पॉन्सरशिप सहित आदि योजनाओं की गहनता से समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए
कि लोगों को जन कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जागरूक कर पात्रों को लाभ दिया जाए।
बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी अभय कुमार द्वारा अवगत कराया गया कि पी0एम0केयर के अन्तर्गत 3 बच्चों को लाभान्वित किया गया है।
उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना-कोविड अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोविड के अंतर्गत 130 बच्चों को 4000 रुपए प्रति माह से लाभान्वित किया जा रहा है
एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के अन्तर्गत 2500 रुपए प्रति माह से 176 बच्चों को वित्तीय वर्ष 2023-24 में लाभान्वित किया जा चुका है
तथा 102 नए बच्चों का चिन्हांकन कर जनपद स्तरीय टास्क फोर्स समिति द्वारा अनुमोदन भी लिया गया है जिनको जल्द लाभ मुहैया कराया जाएगा।
चाइल्ड हेल्पलाइन के अंतर्गत माह सितंबर में कुल पांच प्रकरण 1098 के माध्यम से तथा दो केस लोकल स्तर से प्राप्त हुए थे जिसका निस्तारण कर दिया गया है।
अक्टूबर माह में दो केस 1098 से प्राप्त हुए हैं जिसका निस्तारण भी कर दिया गया है
उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिए कि बच्चों को नशे से बचाने के लिए विद्यालयों में निगरानी की जाए।
विद्यालय के 100 मीटर परिधि में कोई भी नशीले पदार्थों की दुकान एवं नशीले पदार्थों की बिक्री नहीं होनी चाहिए।
आयोग के सदस्य ने आबकारी विभाग को निर्देश दिए कि शराब की दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हों।
शराब की दुकानों पर चेतावनी साफ और स्पष्ट शब्दों में लिखी होनी चाहिए 21 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को शराब बिक्री न की जाए। सीसीटीवी कैमरे एवं चेतावनी आदि की मॉनिटरिंग की जाए।
शराब की समय-समय पर दुकानों का निरीक्षण भी होता रहे।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राथमिक स्वास्थ्य एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो के ठीक सामने मेडिकल स्टोर्स को हटाया जाए।
सभी मेडिकल स्टोरों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हो। लोगों को सही तरीके से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिले।
आयोग के सदस्य में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों का शत प्रतिशत विद्यालयों में बच्चों का एडमिशन सुनिश्चित होना चाहिए। कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
उन्होंने कहा कि खंड शिक्षा केंद्र पर बच्चों के आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। उनका एक माह में विवरण उपलब्ध कराया जाए।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि मदरसो में सरकार द्वारा चयनित विषयों को पढ़ाया जाए।
मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता अच्छी हो। मदरसों में सरकारी सिलेबस की ही पढ़ाई होनी चाहिए। मदरसों का नियमित निरीक्षण होता रहे।
उन्होंने राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन एवं राष्ट्रीय पारिवारिक पेंशन योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि नियमित समय से लाभार्थियों को पेंशन धनराशि मिलती रहे।
कोई भी पात्र लाभार्थी योजनाओं से वंचित न रहे। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिए कि बाल अधिकार संरक्षण से कहीं भी कोई समस्या हो उसे तत्काल दूर कराएं।
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