सफलता की कहानी
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नाम बिसे लाल
पद सहायक शिक्षक
शाला शासकीय प्राथमिक शाला मेंड्रा
जिला मनेंद्रगढ _चिरमिरी _भरतपुर
एक शिक्षक के रूप में मेरा उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी को गतिविधियां में शामिल करना होता है क्योंकि हर विद्यार्थी के सोचने समझने और सीखने का स्तर अलग होता है| अता पाठ्यक्रम को आधार बनाकर विभिन्न शैक्षिक व सह शैक्षिक गतिविधि के माध्यम से बच्चों को सिखाने का कोशिश करता हूं|
शिक्षक बिसे लाल ने अपने नवाचारी गतिविधियों से प्राथमिक शिक्षा को अत्यंत रुचिकर मनोरंजक एवं छोटे छोटे बच्चों को अनुकूल बना दिया है|
जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो रहा है| बच्चे खेल खेल में सीख रहे है|एफ.एल.एन के तहत कबाड़ से जुगाड़ करके टी.एल.एम का निर्माण किया गया है|जिससे बच्चे पठन कौशल में दक्ष हो रहे हैं पठन कौशल हेतु बिग बुक, विषय माडल, प्रिंट रिच वातावरण, मुस्कान पुस्तकालय की व्यवस्था करना, खिलौना निर्माण, किया गया है|
उपस्थिति बढाने के लिए स्मार्ट क्लास की व्यवस्था किया गया खेल समाग्री उपलब्ध कराया गया|
बस्ता मुक्त के दिन गायन, खेल कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, क्राफ्ट कक्षा, पुस्तक वाचन प्रतियोगिता का अयोजन किया गया एवं बच्चे को सम्मान भी दिया जाता है | जिससे सभी बच्चों की सहभागिता होता है|
जिससे बच्चे सभी विषय में दक्ष हो रहे है| बच्चों को सक्रिय रखकर सीखने में विद्यालय का परिणाम सुखद होता है| निजी विद्यालय के कई बच्चे भी विद्यालय में प्रवेश लिए हैं और विद्यालय का दर्ज संख्या भी निरंतर बढ़ रहे| समुदाय का जुड़वा भी विद्यालय के प्रति बढ़ रहा है|
सुंदर बगिया का हूं मैं माली…
हर पौधा मुझे है सींचना…
नन्हीं कलिया ना मुरझाए…
हर बाग से कांटे चुनना हैं..