November 21, 2024

*सृष्टि की रचना महिलाएं सिर्फ शक्ल और ज़िस्म से ही*

 *खूबसूरत नहीं होती,,*

*बल्कि वो इसलिए भी खूबसूरत होती हैं,।*

*क्योंकि प्यार में ठुकराने के बाद भी…*

*किसी लड़के पर तेजाब नहीं फेंकती !*

*उनकी वज़ह से कोई लड़का*

*दहेज़ में प्रताड़ित हो कर फांसी नहीं लगाता !*

*वो इसलिए भी खूबरसूरत होती हैं,,*

*कि उनकी वजह से किसी लड़के को*

*रास्ता नही बदलना पड़ता!*

*वो राह चलते लड़को पर*

*अभद्र टिप्पड़ियां नही करती!*

*वो इसलिए भी खूबसूरत होती हैं,,*

*कि देर से घर आने वाले पति पर*

*शक नही करती,,*

*बल्कि फ़िक्र करती है!*

*वो छोटी छोटी बातों पर*

*गुस्सा नही होती,*

*सामान नही पटकती,*

*हाथ नही उठाती,*

*बल्कि पार्टनर को समझाने की,*

*भरपूर कोशिश करती हैं !*

*वो जुर्म सह कर भी*

*रिश्ते इसलिए निभा जाती हैं,,*

*क्योंकि वो अपने बूढ़े माँ बाप का*

*दिल नही तोड़ना चाहती !*

*वो हालात से समझौता*

*इसलिए भी कर जाती हैं,*

*क्योंकि उन्हें अपने बच्चों के*

*उज्ज्वल भविष्य की फ़िक्र होती है !*

*वो रिश्तों में जीना चाहती हैं !*

*रिश्ते निभाना चाहती हैं !*

*रिश्तों को अपनाना चाहती हैं!*

*दिलों को जीतना चाहती हैं !*

*प्यार पाना चाहती हैं !*

*प्यार देना चाहती हैं !.*

*हमसफ़र, हमकदम बनाना चाहती हैं!!*

*आज महिला दिवस पर सम्पूर्ण*

 *मातृशक्ति को कोटि कोटि प्रणाम*

 स्वरचित रचना

दिव्या अग्रवाल- बरेली, उ.प्र.

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