November 26, 2024

राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष किया राष्ट्र राग “” रघुपति राघव राजाराम…….”” का कीर्तन।

जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर गांधी उद्यान बदायूं स्थित राष्ट्र पिता की प्रतिमा के समक्ष भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के प्रमुख पदाधिकारीगण मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट के नेतृत्व में एकत्र हुए। सर्वप्रथम गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया तत्पश्चात राष्ट्र राग “”रघुपति राघव राजाराम…..”” का कीर्तन किया गया साथ ही संगठन के पत्रक का वितरण अभियान चलाया गया।

इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के संस्थापक/ अध्यक्ष एवम भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर 30 जनवरी 2011 मे संगठन की स्थापना हुई।

गत बारह वर्ष से गांधी जी के बताए मार्ग पर चलकर संगठन ने अनेक उपलब्धियां अर्जित की हैं। उनके मंत्र रघुपति राघव राजाराम के निरन्तर जप से देश व समाज में व्यवस्था परिवर्तन का वातावरण निर्मित हो रहा हैं। महात्मा गांधी ने हर समाजोपयोगी विषय पर अपने विचार दिए हैं। उन्होंने दुनिया को सत्य और अहिंसा रूपी ऐसा अस्त्र दिया है, जिसके प्रभाव से युद्ध रुक गए, तृतीय विश्व युद्ध से मुक्ति मिली।

श्री राठोड़ ने कहा कि आज पूरा विश्व गांधी जी के विचारों का अनुसरण कर रहा है। गांधी जी के विचारों में जीवन की समस्त समस्याओं का समाधान है। समस्त सुचना/ सामाजिक कार्यकर्ता प्रतिवर्ष एक वस्त्र खादी का अवश्य खरीदें। राष्ट्र पिता का चित्र अपने घर /कार्यालय में स्थापित करे। गांधी जी से संबंधित साहित्य पढ़ने की प्रवृत्ति विकसित करे। दूषित विचारों और साहित्य से परहेज करें ।

इस अवसर पर प्रमुख रुप से मार्गदर्शक धनपाल सिंह, सेवानिवृत्त ए डी एम रामवीर सिंह, संरक्षक एम एल गुप्ता, केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल, सह केन्द्रीय कार्यालय प्रभारी अखिलेश सिंह, प्रदेश समन्वयक डा सुशील कुमार सिंह, मंडल समन्वयक एम एच कादरी, जिला समन्वयक सतेंद्र सिंह गहलौत, सह जिला समन्वयक महेश चंद्र, तहसील समन्वयक बदायूं रामलखन, तहसील समन्वयक सहसवान आर्येंद्र पाल सिंह, सह तहसील समन्वयक बदायूं नेत्रपाल, प्रमोद कुमार आदि की सहभागिता रहीं।

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