राजकीय महाविद्यालय आवास विकास बदायूँ में आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत चलाए जा रहे स्वतंत्रता सप्ताह के तीसरे दिन “सशक्त भारत हेतु युवाओं का कर्तव्य” विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने भारत माता के चित्र पर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सेवा योजना के नोडल अधिकारी डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव देशभक्ति की भावना जागृत करने का अवसर है। हमें यह आजादी 90 वर्षों के सतत संघर्षों से प्राप्त हुई है। आधुनिक विज्ञान और प्राचीन अध्यात्म और के बल पर देश विश्वगुरु की राह पर चल पड़ा है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ सतीश सिंह यादव ने कहा कि देश की आजादी का पर्व संपूर्ण भारतीय समाज का पर्व है। देश सत्ता से नहीं समाज की राजनीतिक चेतना से चलता है और बदलता है। देशभक्ति की भावना से ही जापान अग्रणी राष्ट्रों में खड़ा है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ बबिता यादव ने कहा कि संवेदना देश को मजबूत करती है। देश में विश्व की महाशक्ति बनने का लक्षण दिख रहा है। शिक्षण संस्थान और शिक्षक आने वाली पीढ़ी के अंदर संस्कार जागृत करें। रोवर लीडर डॉ नीरज कुमार ने कहा कि संभावनाओं को अवसर देने की आवश्यकता है। ज्ञान मनन चिंतन से ही आता है। अमृत महोत्सव मनाना हर्ष एवं गौरव का अवसर है।
डॉ सचिन राघव ने कहा कि देश को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष हुए है इस गर्व की अनुभूति हम सब के मन में होनी चाहिए I
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने कहा कि हम स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों और जिन्होंने स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है उन्हें याद करना हम सभी का कर्तव्य है।
नयी पीढ़ी स्वतंत्रता अक्षुण्ण बनाये रखें इसलिए चिंतन की भी घड़ी है।उन्होंने कहा कि देश हजारों वर्षों से सम्पन्न, समृद्ध एवं शक्तिशाली देश रहा हैI विदेशी आक्रान्ताओं के कारण हमारी दुर्गति हुई विशेषतः अंग्रेजो ने हम पर कुठाराघात कियाI हमारे मन में आत्महीनता का भाव उत्पन्न किया। स्वतंत्रता का संघर्ष केवल अंग्रेजो को खदेड़ने के लिए नहीं था यह हमारा खोया हुआ स्वत्व जगाने के लिए था ।
कार्यक्रम के संयोजक इग्नू स्टडी सेंटर के समन्वयक डॉ संजीव राठौर ने कहा कि स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव के माध्यम से राजकीय महाविद्यालय का प्रयास है कि युवाओं में देश भक्ति की भावना को जागृत किया जाय जिससे देश अपनी खोई विरासत को पुनः प्राप्त कर विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित हो। आधुनिक, विज्ञानाधारित, भारतीय परम्पराओं को युगानुकूल बनाते हुए एक शक्तिमान व वैभव सम्पन्न देश विकसित करना ही उच्च शिक्षा से जुड़े छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों का उद्देश्य है।
कार्यक्रम का संचालन दिलीप कुमार वर्मा ने किया
इस अवसर पर डॉक्टर हुकुम सिंह, डॉ शशी प्रभा, डॉ गौरव सिंह, डॉ सरिता यादव,प्रमोद कुमार शर्मा ,संजीव शाक्य, अंशुल कुमार, राजेश कुमार, दीक्षा सक्सेना, गोविंद वर्मा,एकता, अजय शर्मा, मोहम्मद शिबू,नरगिस खान, रितिका, रूपल मान, प्रदीप कुमार आदि उपस्थित थे।