आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय बदायूं में राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के प्रथम दिन सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की सार्थकता हेतु कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें राजनीति विज्ञान के विद्यार्थियों को आरटीआई आवेदन करने के लिए प्रशिक्षित किया गया।
मुख्य अतिथि एवं प्रशिक्षक जनदृष्टि व्यवस्था सुधार मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भ्रष्टाचार उन्मूलन अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरी प्रताप सिंह राठौर एडवोकेट ने जनहित में आरटीआई के महत्व को रेखांकित करते हुए सूचना प्राप्त करने के तरीके एवं उससे संबंधित विभिन्न धाराओं से परिचित कराया। कार्यशाला का उद्घाटन प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं स्वामी विवेकानंद व डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। डॉ श्रद्धा गुप्ता ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 भारतीय लोकतंत्र को सशक्त करने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण होने के साथ वर्तमान परिस्थितियों में भ्रष्टाचार उन्मूलन हेतु अभिव्यक्ति के अधिकार का विस्तार है ।
मुख्य अतिथि हरि प्रताप सिंह राठौड़ ने कहा कि जानने का अधिकार किसी भी व्यक्ति का मानव अधिकार है तथा भारत के संविधान में उल्लेखित किए गए मौलिक अधिकारों में एक मौलिक अधिकार अभिव्यक्ति की आज़दी भी है जिसे अनुच्छेद 19 का हिस्सा बनाया गया है। यह अधिकार केवल एक स्वर्णिम उद्घोषणा मात्र बनकर न रह जाए इस उद्देश्य से इस विचार को तथा इस अधिकार को व्यवहार में लाने के उद्देश्य से सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 बनाया गया है।
उन्होने कहा कि भ्रष्टाचार भारत की एक प्रमुख समस्या रही है।सार्वजनिक विभागों में भ्रष्टाचार से संबंधित मामले आए दिन देखने को मिलते हैं। इस अधिनियम के माध्यम से भ्रष्टाचार की समस्या पर विजय पाने का एक जनांदोलन खड़ा किया जा सकता है, जिसमे छात्र छात्राओं की सहभागिता आवश्यक है।अधिवक्ता राठौड़ ने इस अधिनियम का एक सारगर्भित परिचय प्रस्तुत करते हुए सूचना नहीं देने वाले जनसूचना अधिकारी के विरुद्ध प्रथम एवम द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी की व्यवस्था और होने वाली सजा को विस्तार से समझाया तथा इस अधिनियम से संबंधित सभी महत्वपूर्ण धाराओं पर न्यायालय के दिए हुए न्याय निर्णयों का उल्लेख किया।
कार्यशाला के संयोजक डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि जागरूकता के अभाव में हम अपने अधिकारों का प्रयोग ना कर के शोषण का शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने के बाद आमजन को जनता में चेतना उत्पन्न करने का दायित्व राजनीति विज्ञान के विद्यार्थियों का है।
इग्नू अध्ययन केंद्र के समन्वयक डॉ संजीव राठौर ने अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए आरटीआई की उपयोगिता को जनहितकारी बताया। आयोजन सचिव डॉ दिलीप वर्मा ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।
इस अवसर पर डॉ बबीता यादव, डॉ सतीश सिंह यादव, डॉ हुकुम सिंह, डॉ गौरव कुमार, इसराक अहमद खान, गीतांजलि सिंह, स्नेहा पांडे, अनूप सिंह,अंशिका पाल,प्रियंका गुप्ता, प्रीति राठोर, अंकित बाबू, पुष्पांजलि ,निखिल सिंह चौहान, निफा बी, शगुन शर्मा आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। अनुज प्रताप सिंह, पवन कुमार, प्रशांत कुमार,आर्यन गुप्ता, मंजू वर्मा,नेहा शाक्य, अनामिका शाक्य, उपासना, बंटी सागर, प्रमोद साहू आदि ने सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।