आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एवं आगामी स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों में आज संविलियन विद्यालय मलंगपुरवा, ब्लॉक-बलहा,जिला बहराइच में कारगिल विजय दिवस पर कारगिल युद्ध के महान योद्धाओं को नमन करते हुए गुमनाम वीरांगना नीरा आर्य व स्वतंत्रता सेनानी मालती देवी चौधरी को किया नमन*
शिक्षक अरुण कुमार द्वारा ब्लैकबोर्ड पर चित्रण किया गया। अरुण कुमार संग सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने इनको नमन किया तथा पुष्प अर्पित किये। शिक्षक अरुण कुमार ने बताया कि सन 1947 में भारत आजाद तो हो गया था लेकिन यह आजादी भारत को
पाकिस्तान से अलग होने की कीमत पर मिली थी. पाकिस्तान तो भारत से अलग हो गया लेकिन पाकिस्तान की नापाक मांग “कश्मीर” भारत का ताज बना रहा. कई सालों तक पाकिस्तान ने “कश्मीर” को चुराने की कई कोशिश की लेकिन साल 1999 में उसे ऐसी मार खानी पड़ी कि उसने दुबारा कभी भारत की तरफ मुड़ कर भी नहीं देखा. कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ एक महत्वपूर्ण युद्ध माना जाता है जो भारतीय सैनिकों की वीरता के लिए हमेशा याद रखा जाएगा।भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध मई 1999 में शुरू होकर दो महीने तक चला था. भारतीय सेना ने 26 जुलाई, 1999 को कश्मीर के कारगिल जिले में पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्जा की गई ऊंची रक्षा चौकियों पर नियंत्रण पाने में सफलता हासिल की थी. इसके लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय चलाया था.कारगिल युद्ध में हमारे लगभग 527 से ज्यादा वीर योद्धा शहीद हुए थे और 1300 से ज्यादा घायल हो गए. इस सफलता के बाद इस दिन को “विजय दिवस” का नाम दिया गया. इसके साथ कारगिल युद्ध में परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन मनोज पाण्डेय, कैप्टन विक्रम बत्रा, राइफलमैन संजय कुमार एवं कैप्टन योगेंद्र सिंह को नमन करते हुए उनके शौर्य गाथा को साझा किया।
शिक्षक अरुण कुमार ने बताया,आजादी की गौरव गाथा अनेक गुमनाम चेहरों से भरी पड़ी है। जिन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान दिया, लेकिन जब देश आजाद हुआ तो उनको गुमनामी में जीवन जीना पड़ा। ऐसी ही एक वीरांगना थी आजाद हिन्द फौज की सिपाही #बागपत के #खेकड़ा कस्बे की नीरा आर्या। जिसने नेताजी सुभाषचन्द्र बोस पर गोली चलाने वाले अपने पति का कत्ल कर डाला था, देश की पहली महिला जासूस कहलाई और काले पानी की सजा काटी। जिसमें जालिमों ने उनके स्तन तक कटवा दिए थे। आजादी के बाद सड़क के किनारे फूल बेच कर गुमनाम जीवन बिताया। नेताजी द्वारा नीरा आर्या को उनकी देशभक्ति जे लिए नीरा नागिनी का नाम दिया गया। नीरा नागिनी के नाम से इनके जीवन पर एक महाकाव्य भी है। नीरा पर एक निर्देशक ने फिल्म बनाने की तैयारी भी की है। जिसमें ऐश्वर्या राय नीरा की भूमिका अदा करेगी।
इसके बाद स्वतंत्रता सेनानी मालती देवी चौधरी जी के जीवन के बारे में भी बच्चों को अवगत कराया । बच्चों ने देशभक्ति गीत गाये व देशभक्ति के नारे लगाये।कार्यक्रम में विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों का योगदान रहा।