वोट हर कीमत पर दें 11.4.2024 निश्चित देना
इंद्रदेव त्रिवेदी
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देखो होती दिख रही, वोटों की जयकार।
वोट बनाते देश में, जनता की सरकार।।
वो वोटर ही श्रेष्ठ है, जो देता है वोट।
वोट नहीं जो डालते, उनके मन कुछ खोट।।
लोकतंत्र का पर्व है, इसे मनाओ यार।
नहीं मनाते जो इसे, वो वोटर बेकार।।
अपने मन की मानना, तब करना मतदान।
जो देता यूं वोट है, बढ़ता उसका मान।।
जनता है सबसे बड़ी, लोकतंत्र में आज।
वोट और वोटर बनें, जनता की आवाज।।
बिना किसी आलस्य के, निश्चित देना वोट।
टूटा मन पा जाएगा, वरना गहरी चोट।।
हर चुनाव के दिन हमें, मिलता है अवकाश।
दिया नहीं जो वोट तो, फिर बोलोगे काश!
महादान बस वोट है, शेष बाद कुछ दान ।
और काम करना कभी, पहले हो मतदान।।
कोई जो दिव्यांग हो, लेना हाथों हाथ।
पड़वा देना वोट को, घर ले आना साथ।।
गोपनीय हर वोट है, रखना उसको गुप्त।
वोटों की महनीयता, वरना होगी लुप्त,।
इस चुनाव आयोग के, मिले सभी आदेश ।
पालन शत प्रतिशत करो, या जो हों निर्देश।।