घरौनी और खतौनी में अभियान चलाकर कराया जाए त्रुटि सुधार।
जांच और भूमि की पैमायश के समय वीडियो ग्राफी करने से नागरिकों को न रोका जाए।
जिलाधिकारी को सौंपा दो सूत्रीय मांग पत्र।
जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान मे अध्यक्ष/ संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट के नेतृत्व मे संगठन के पदाधिकारियों ने पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार जिलाधिकारी बदायूं के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री को दो सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित किया, पत्र की प्रति मुख्य सचिव, अध्यक्ष राजस्व परिषद, अपर मुख्य सचिव (राजस्व), मंडल आयुक्त बरेली व जिलाधिकारी बदायूं को भी प्रेषित की गई।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के अध्यक्ष/संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट ने कहा कि शासन द्वारा व्यापक लोकहित में गुड गवर्नेंस की स्थापना के लिए गांवों में आबादी की भूमि के संरक्षण हेतु घरौनी बनाए जानें एवम खतौनी में अंश लिखें जानें की व्यवस्था बनाई गई ताकि नागरिकों का एक बड़ा वर्ग अनावश्यक विवादों से बच सकें।
परन्तु सम्बन्धित कार्मिकों की लापरवाही के कारण घरौनी में क्षेत्रफल और सीमाओं से संबंधित त्रुटियां कर दी गई है, अनेक नागरिकों को घरौनी से वंचित कर दिया गया है।
खतौनी में भी गलत अंश निर्धारण किया गया है, आपत्ति का अवसर नहीं दिया गया है परिणाम स्वरूप पूरे प्रदेश में नागरिकों को अनावश्यक मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ेगा, राजस्व न्यायालयों में मुकदमों की बाढ़ आ जायेगी। इसलिए गांवों में अभियान चलाकर घरौनी और खतौनी को शुद्ध किया जाना चाहिए।
श्री राठोड़ ने कहा कि भूमि की पैमायश के समय अथवा अन्य जांच के समय नागरिकों द्वारा, शिकायत कर्ता द्वारा मोबाइल से वीडियो ग्राफी करने पर जांच टीम द्वारा अभद्रता की जाती है, मोबाइल छीन लिया जाता है, जबकि वीडियो ग्राफी रोके जाने का किसी भी कार्मिक को अधिकार नहीं है।
वीडियो ग्राफी करने वाले नागरिकों के साथ अभद्रता न हो, उनके मोबाइल फोन न छीने जाए, वीडियो ग्राफी करने से न रोका जाए।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से संरक्षक एम एल गुप्ता, सुरेश पाल सिंह चौहान केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल, प्रदेश समन्वयक डॉ सुशील कुमार सिंह जिला समन्वयक सतेंद्र सिंह गहलौत, सह जिला समन्वयक महेश चंद्र, कौशल कुमार , श्रीराम, नेत्रपाल, ज्ञानदीप शर्मा, टीकम सिंह, ज्योति शर्मा, डीलेश कुमार आदि की सहभागिता रही।