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समावेशी समाज के निर्माण में योगदान करते हैं।

13फरवरी 2024 को गिंदो देवी महिला महाविद्यालय बदायूं की ओर से राष्ट्रीय सेवा योजना के एक दिवसीय शिविर के तृतीय दिन का आयोजन प्राचार्या डॉ गार्गी बुलबुल के निर्देशन में हुआ। सर्वप्रथम मां सरस्वती के समक्ष द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

शिविर के तृतीय दिन का शीर्षक श्रमदान एवं सफ़ाई रहा।जिसमें छात्राओं ने अपने महाविद्यालय परिसर एवं अपने आसपास के क्षेत्र की सफाई की। प्राचार्या महोदया ने छात्राओं को श्रमदान एवं उसके महत्व को समझाते हुए कहा कि श्रमदान सामुदायिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने, संसाधनों का अनुकूलन करने और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वैच्छिक श्रम में सक्रिय रूप से भाग लेकर, व्यक्ति एक मजबूत और अधिक समावेशी समाज के निर्माण में योगदान करते हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ इति अधिकारी ने कहा श्रमदान का सीधा-सा अर्थ स्वार्थ-रहित होकर जनकल्याण के कार्यों में लगे रहना है ।

श्रमदान में राष्ट्रहित की भावनाओं के साथ-साथ सामाजिक और विश्व-कल्याण की भावनाओं का भी समावेश होता है । राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनीता सिंह बताया श्रमदान सामुदायिक कल्याण के लिए लोगों का स्वैच्छिक योगदान है जिसमें शारीरिक गतिविधि शामिल है जिसके लिए शारीरिक प्रयास की आवश्यकता होती है। यह हमारे समाज की मदद करने और हमारे पर्यावरण की रक्षा में योगदान देने का एक तरीका है ।

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जन दृष्टि - व्यवस्था सुधार मिशन

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