बिना अनुमति सड़क खोदने पर जल निगम के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत न कराया जाना संदिग्ध।
आर टी आई के जवाब में हुआ खुलासा।
दुर्घटना की जांच हेतु गठित समिति की आख्या हो सार्वजनिक।
गौंतरा और नवीगंज के मध्य सड़क के किनारे जल निगम द्वारा बिना अनुमति सड़क के किनारे पाइप लाइन डालने हेतु खोदी गई नाली के कारण स्कूल वैन और बस की दुर्घटना में चार छात्रों सहित पांच ने प्राण गंवाए।
इस घटना से द्रवित होकर जिम्नेदारो के गैर जिम्मेदाराना कृत्य सार्वजनिक करने हेतु जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के अध्यक्ष/संस्थापक, आर टी आई एक्टिविस्ट हरि प्रताप सिंह राठौड़ एडवोकेट द्वारा दिनांक ०३-११-२०२३ को सूचना के अधिकार का प्रयोग करते हुए अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग एवम ए आर टी ओ कार्यालय से सूचना प्राप्ति हेतु आवेदन किए। ए आर टी ओ कार्यालय से अभी तक सुचनाएं प्राप्त नहीं हुई है। अधिशासी अभियन्ता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग द्वारा विलम्ब से पत्रांक ३२८५/सू०अधि ० दिनांक २१-१२-२०२३ के माध्यम से पटरी पर पाइप लाइन बिछाने हेतु अनुमति प्रदान करने से सम्बन्धित दो पत्र उपलब्ध कराएं हैं।
उक्त पत्रों के माध्यम से विकास खंड जगत की ग्राम पंचायत नरेली महोरा , रूपपुरा, जखेली व जगुआसई, विकास खंड कादरचौक की ग्राम पंचायत जैतपुर पुख्ता, कुंडेली बदुल्लागंज, सुरखा, मुगर्रा, जरासी व बाराचिर्रा एवम विकास खंड म्याऊं की ग्राम पंचायत अलापुर चंडी फाजिल व चंगासी मे सड़क की मध्य रेखा से सात सात मीटर छोड़कर, सात शर्तो के अधीन सड़क खोदने की अनुमति प्रदान की गई। खोदे गए गढ्ढे की वैरिकेटिग करने, काटी गई सड़कों की पुनर्स्थापना करने, विडियो ग्राफी करने की ज़िम्मेदारी जल निगम को निभानी थीं।
किंतु गौंतरा और नवीगंज के मध्य सड़क की पटरी खोदकर पाइप लाइन बिछाने की अनुमति प्रदान नही की गई, फिर भी बिना अनुमति सड़क खोदने वाले विभाग के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत नही कराया गया।
लोक निर्माण विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए पत्रों से यह भी स्पष्ट है कि जल निगम द्वारा जनपद में अन्यत्र बिना अनुमति के मिलीभगत से सड़क को काटकर, गड्ढे खुले छोड़ दिए। दुर्घटना की जांच हेतु गठित समिति ने अपनी आख्या जिलाधिकारी को सौंप दी है, किंतु आख्या सार्वजनिक नही की गई है
जल निगम के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराएं जानें एवम जांच आख्या सार्वजनिक किए जाने की मांग को लेकर मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित किए जायेंगे।