गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग (समाजशास्त्र परिषद) द्वारा “कन्या भ्रूण हत्या एक सामाजिक अभिशाप” विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर किया प्रतिभाग।
आज दिनाँक 28-08-2023 को समाजशास्त्र परिषद प्रभारी असिस्टेंट प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती के संयोजन एवं निर्देशन में और प्राचार्या डॉ गार्गी बुलबुल के संरक्षण में”कन्या भ्रूण हत्या एक सामाजिक अभिशाप” विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
प्राचार्या डॉ गार्गी बुलबुल ने कहा बताया कि सदियों से हमारे देश में लड़कियों को अभिशाप के रूप में देखा जाता रहा है जिसकी वजह से उन्हें जन्म के तुरंत बाद ही मार दिया जाता था क्योंकि भारतीय समाज में लड़कियों को सामाजिक और आर्थिक बोझ समझा जाता था।वर्ष 1990 में चिकित्सा विज्ञान में लिंग निर्धारण जैसे तकनीकी के आगमन से भारत में कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध को बढ़ावा मिला है। कार्यक्रम संयोजिका असिस्टेंट प्रोफेसर सरला ने बताया कि भारतीय समाज अनेक कुरीतियों से ग्रस्त रहा है। लेकिन वर्तमान में प्रचलित कन्या भ्रूण हत्या की प्रथा एक जघन्य अपराध है , महापाप है , मानवता के मस्तक पर भारी कलंक है। यह हम सभी जानते हैं कि नारी और पुरुष के सामंजस्यपूर्ण सहयोग और सद्भाव से ही समाज का विकास संभव है।
स्त्री के अभाव में पुरुष एक पंख का पक्षी है , फिर क्या वह एक पंख से उड़ान भर पाएगा ? ऐसे में यदि कन्या भ्रूण हत्या होती है , तो उसका दोषी कौन है ? अन्त में यही कहना उचित होगा कि कन्या भ्रूण हत्या एक अभिशाप है , पाप है , जघन्य अपराध है और इस पाप के जिम्मेदार आप – हम सब हैं। इस मौके पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में लवी पटेल ने प्रथम, खुशी पटेल ने द्वितीय, और अदिति पटेल और खुशी उपाध्याय ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।
अक्षिता और सिमरन अंसारी को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। निर्णायक मंडल की भूमिका में डॉ० निशी अवस्थी, डॉ वंदना वर्मा डॉ उमा सिंह रहीं। डॉ इति अधिकारी, डॉ शिल्पी शर्मा सहित समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा। अंशिका, सलोनी शंखधार, सोनिया, शोभना, वैष्णवी, आदि सभी छात्राओं की सक्रिय सहभागिता रहीं।
असिस्टेंट प्रोफेसर सरला चक्रवर्ती
मीडिया प्रभारी
गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय बदायूँ