आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय बदायूं में राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा विभाजन विभीषिका दिवस के अवसर पर गोष्ठी और श्रद्धांजलि सभा आयोजित किया गया।
इस अवसर पर विभाजन की विभीषिका को याद करते हुए उस त्रासदी में मारे गए निर्दोष लोगों को मोमबत्ती जलाकर व मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
वक्ताओं द्वारा देश के विभाजन के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए वीभत्स घटना को जन्म देने वाली परिस्थितियों पर चर्चा की गई और जिम्मेदार तत्वों की कठोर निन्दा की गई।
प्राचार्य डॉक्टर श्रद्धा गुप्ता ने कहा कि आजादी का जश्न अभी क्षितिज तक भी न चढ़ सका था कि मुल्क के दो फाड़ होने का बिगुल बज गया और सांप्रदायिक सद्भाव तार-तार हो गया। जिसके कारण दोनों तरफ की धरती बेकसूर आवाम के खून से लाल हो गई।
दस लाख से अधिक लोग मारे गए और दो करोड़ बेघर हुए। एसएसएस के नोडल अधिकारी डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि न पहले और न ही बाद में, इतना बड़ा खून-खराबा और बर्बरता दुनिया में कहीं देखी गई ।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ सतीश सिंह यादव ने कहा कि जिन्ना का द्विराष्ट्रवाद और अंग्रेजों की कुटिल नीति के कारण स्वतंत्रता के पूर्व की त्रासदी भारतीय जनमानस को गहरा घाव दे गई जो आज भी नासूर बना है।
डॉ संजीव राठौर ने कहा कि कुछ स्वार्थी राजनीतिज्ञों द्वारा बँटवारे का एक खूनी वटवृक्ष तैयार किया और जिसकी तपिश आज भी ठंडी नहीं हो पाई है।
गोष्ठी को डॉ अनिल कुमार, डॉ अंशू सत्यार्थी, डॉ बबिता यादव, डॉ हुकूम सिंह, डॉ सारिका शर्मा, डॉ दिलीप वर्मा, डॉ सचिन राघव आदि ने संबोधित किया।