November 22, 2024

आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय बदायूं में राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में “सत्ता का विकेंद्रीकरण और दल विहीन लोकतन्त्र” विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने मां सरस्वती की प्रतिमा एवं डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।

अतिथि वक्ता के रूप में दमयंती राज आनंद राजकीय महाविद्यालय बिसौली की प्रोफ़ेसर एवं राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ सीमा रानी ने अपने सारगर्भित व्याख्यान में कहा कि लोकतंत्र को सशक्त करने की दिशा में सत्ता का विकेंद्रीकरण किया गया तथा 73 वें और 74 वें संविधान संशोधन के द्वारा स्थानीय सरकार परिकल्पना साकार हुई,किंतु स्थानीय स्तर के चुनाव में भी देश और प्रदेश में सरकार बनाने की की होड़ में लगे हुए राजनीतिक दल भी इन चुनावों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहे हैं।

परिणाम स्वरूप प्यार और सहयोग की भावना से एक दूसरे के प्रति समर्पित समरस ग्रामीण समाज में दलगत राजनीति के कारण तनाव, आपसी मतभेद, द्वेष,ईर्ष्या, हिंसा, गुटबंदी आदि विकृतियां जन्म ले रहे हैं।कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजनीति विज्ञान के प्रवक्ता डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने दलविहीन राजनीति को स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आदर्श माना था। किंतु आज राजनीतिक दलों का व्यापक प्रसार सामाजिक विघटन ही नहीं अपितु घर परिवार में भी पारिवारिक विघटन की स्थिति पैदा कर रहा है।

सत्ता के विकेंद्रीकरण से लोकतन्त्र तब और सशक्त हो सकता है जब विशुद्ध आमजन बिना किसी अतिरिक्त दलीय पहचान के स्वयं के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बल पर स्थानीय नेतृत्व प्राप्त करें। प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने कहा कि स्थानीयता की समस्या और पीड़ा को समझने वाला व्यक्ति विशुद्ध स्थानीयता के कारण आम सहमति से समाधान भी ढूंढता है। राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ दिलीप कुमार वर्मा ने अधिवक्ता का स्वागत करते हुए आभार ज्ञापित किया।

कार्यक्रम के अन्त में एम ए द्वितीय वर्ष की छात्रा कुमारी लक्ष्मी राठौर के ग्राम नोगिया में समानता के अधिकार की स्थिति का अध्ययन विषय पर शोध प्रबंध एवं कुमारी सोनम के जयप्रकाश नारायण की समग्र क्रांति विषयक शोध प्रबंध का विमोचन भी किया गया।

 

इस अवसर पर डॉ संजय कुमार, डॉ नीरज कुमार, डॉ ज्योति विश्नोई, डॉ सरिता, रजनीकांत, पल्लवी सिंह, भारती गोस्वामी, ज्योति शाक्य, अरविंद भारती आदि उपस्थित थे।

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