गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय बदायूँ के तत्वाधान में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान द्वारा सम्पोषित आत्मनिर्भर भारत- चुनौतियां एवं संभावनाए विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आगाज
प्रथम दिवस उद्घाटन सत्र का शुभारंभ मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता प्रोफेसर मधुरेंद्र कुमार, प्रथम डायरेक्टर पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रोफेसर ओम प्रकाश राय, प्राचार्य बरेली कॉलेज बरेली, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर डॉ अमित सिंह, डीन और हेड लॉ डिपार्टमेंट महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली, प्रोफेसर डॉक्टर रिपु सुंदर सिंह, हेड ऑफ डिपार्टमेंट पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन बाबा साहेब भीमराव केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ, प्रोफेसर डॉक्टर ए०सी० त्रिपाठी, हेड ऑफ डिपार्टमेंट फिलॉसफी बरेली कॉलेज बरेली, प्रोफेसर डॉ० मनमीत कौर संयोजक, प्रोफ़ेसर डॉ नीलम गुप्ता सह संयोजक, प्रोफेसर डॉक्टर वंदना शर्मा आयोजन सचिव ,विशाल रस्तोगी अध्यक्ष प्रबंध समिति, गौरव रस्तोगी सचिव प्रबंध समिति आदि के संयुक्त कर कमलों द्वारा मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण कर किया गया।
अपने उदबोधन में प्रोफेसर मधुरेंद्र कुमार ने आत्मनिर्भर भारत की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत ने खुद को आत्मनिर्भर बनाने और राष्ट्र को आगे ले जाने का फैसला किया है विश्व बंदी के कारण सारे विश्व के उत्पादों पर भारी असर के कारण किसी भी देश से सामानों का आदान-प्रदान नहीं हो पा रहा था ऐसे में प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर बनने का आवाहन किया उन्होंने लोकल फॉर वोकल का नारा दिया।
प्रोफेसर डॉक्टर रिपु सुंदर सिंह ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के विभिन्न आयामों पर सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। इसकी कुछ चुनौतियां भी हैं एक तकनीकी का हस्तांतरण और दूसरी पूंजी। प्रोफेसर डॉ अमित सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में समाज को बदलने के लिए डिजिटलकरण सबसे बड़ा साधन है। यह आज हमारे जीवन से जुडी हर चीज़ को बदल के रख देता है जैसे कार्य करने की शैली, जीवन के साधन, संचार का मार्ग, ज्ञान का निर्माण, व्यवसाय करना आदि। डिजिटलकरण हमारे कल्याण, लोकतंत्र, स्वास्थ्य देखभाल, पर्यावरण और समाज को समग्र रूप से प्रभावित करता है।
प्रोफेसर ओपी राय ने बताया कि आजादी के बाद भारत तेजी से विश्व शक्ति बनकर उभरा है। भारत की अर्थव्यवस्था आज एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इस कारण सामाजिक और आर्थिक रूप से कई बदलाव भी हुए हैं। भारत आपदा में अवसर तलाशने का कार्य कर रहा है भारत का ग्रोथ रेट लगातार बढ़ रहा है। वसुधैव कुटुंबकम की भावना से प्रेरित हमारी अर्थव्यवस्था निरंतर प्रगति की ओर है। प्रोफेसर डॉक्टर ए०सी० त्रिपाठी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप स्टैंडअप योजना चलाई जा रही है , जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना , नए-नए इनोवेटिव आइडिया के जरिए नए-नए व्यवसायों को स्थापित करना। इसके लिए युवाओं को अच्छी खासी आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। ताकि युवा अपने देश में ही रह कर अपने उद्योग धंधों को स्थापित करें। भारत में रोजगार पैदा हो सके और अधिक से अधिक वस्तुओं का निर्माण भारत में ही हो , ताकि हमारी दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म हो जाए और भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके ।
आयोजन सचिव प्रोफेसर वंदना शर्मा ने सेमिनार की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए विषय पर प्रकाश डाला। तथा सभी अतिथियों का स्वागत बैज लगाकर शॉल व प्रतीक चिन्ह देखकर देकर किया। उदघाटन सत्र का संचालन डॉ शुभी भाषीन ने व तकनीकी सत्र का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती ने किया। आभार ज्ञापन प्रोफ़ेसर डॉक्टर नीलम गुप्ता ने किया। तकनीकी सत्र में विभिन्न महाविद्यालय से आये प्रोफेसरों, शोध छात्राओं ने शोध पत्र प्रस्तुत किए।तकनीकी सत्र की अध्यक्षता उप प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर बुलबुल ने की। धन्यवाद ज्ञापन डॉ इंदु शर्मा ने किया। तकनीकी सत्र में डॉ शिल्पी तोमर डॉ इतनी अधिकारी डॉक्टर शुभी भसीन ने डॉक्टर सरला देवी चक्रवर्ती, डॉक्टर गार्गी बुलबुल ,शोध छात्रा दीपमाला मौर्य, छात्र गौरव सिंह, मिस कनुप्रिया आदि ने शोध पत्रों का वाचन किया। सभी ने गहन विमर्श के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के विभिन्न आयामों उनकी चुनौतियों और संभावनाओं के बारे में विमर्श किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों की सक्रिय सहभागिता एवं सहयोग रहा।