राष्ट्रीय पर्व में पहली बार आमजन की सहभागिता बनेगी परिवर्तन का कारण।
आरटीआई एक्ट को प्रभावी बनाने के साथ ही हर राज्य में नियुक्त हो लोकायुक्त।
सूचना कार्यकर्ताओ को प्रतिबंधित करने वाले गुजरात के सूचना आयुक्त को किया जाए बर्खास्त।
जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान में सभी पदाधिकारी व सूचना कार्यकर्ता शहीद उद्यान बदायूं में एकत्र हुए । सर्वप्रथम शहीद स्तम्भ व कीर्ति स्तम्भ पर पुष्प अर्पित किए। जनपद के पचहत्तर सूचना कार्यकर्ताओ ने गांधी टोपी धारण कर हाथों में राष्ट्र ध्वज लेकर भारतमाता की जय, वन्दे मातरम्, इंकलाब जिंदाबाद के गगनभेदी नारे लगाते हुए शहीद उद्यान से गांधी उद्यान तक तिरंगा मार्च निकाला। तिरंगा मार्च को मार्गदर्शक धनपाल सिंह ने हरी झंडी दिखाई।
गांधी उद्यान पहुंचकर राष्ट्रपिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के पश्चात राष्ट्र राग “” रघुपति राघव राजाराम …..”” का कीर्तन किया।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के अध्यक्ष/संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि आज स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर व्यवस्था सुधार मिशन के पदाधिकारियों, सहयोगियों व कार्यकर्त्ताओं द्वारा अपने घरों में राष्ट्रध्वज फहराने के साथ ही बड़ी संख्या में अन्य नागरिकों को राष्ट्रध्वज फहराने को प्रेरित किया गया है। 15 अगस्त 2022 से राष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस 12 अक्टूबर 2022 तक गुड गवर्नेंस की स्थापना हेतु लोकपाल अधिनियम में वर्णित व्यवस्था अनुसार देश के हर राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए जाने, सूचना अधिकार अधिनियम को व्यवहारिक व प्रभावी बनाने हेतु आवश्यक संशोधन किए जाने, समस्त राजकीय कार्मिकों की चल अचल परिसम्पतियों का विवरण सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4 के अन्तर्गत सार्वजनिक किए जाने, सूचना व सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के उपाय किए जाने, जनहित गारंटी कानून/ सिटीजन चार्टर को प्रभावी बनाने के साथ ही केन्द्र व राज्य स्तर पर नियमित निगरानी हेतु तन्त्र का गठन किए जाने एवं शिक्षा व चिकित्सा को निजी हाथों से मुक्त किए जाने की मांग की जाएगी। सूचना कार्यकर्ताओ को प्रतिबंधित करने वाले गुजरात राज्य सूचना आयोग के सूचना आयुक्त की बर्खास्तगी हेतु राष्ट्रपति से मांग की जाएगी।
श्री राठोड़ ने कहा कि राष्ट्रीय आयोजनों में आमजन की भूमिका नहीं रहती थी , राजकीय कार्मिक भी राष्ट्रीय पर्व को अवकाश मानते थे। भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के सहयोगियों द्वारा राष्ट्रीय पर्वों को होली, दीवाली,ईद की तरह लोकपर्व बनाने हेतु अनेक वर्षों से मांग की गई परिणामस्वरूप प्रथम बार राष्ट्रीय पर्व लोकपर्व की भांति मनाया गया है। राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमो में नागरिकों की सहभागिता परिवर्तन का कारण बनेगी।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से धनपाल सिंह, एम एल गुप्ता, सुरेश पाल सिंह, रामगोपाल, डॉ सुशील कुमार सिंह, एम एच कादरी, अखिलेश सिंह, अभय माहेश्वरी, राम-लखन, कृष्ण गोपाल, आर्येन्द्र पाल सिंह, सतेन्द्र सिंह, महेश चंद्र, वीरपाल, भुवनेश कुमार, मो इब्राहिम, प्रमोद कुमार, मोहन स्वरुप, डॉ नासिर, नेत्रपाल, धर्मवीर, सुभाष पूरी, अनिल प्रताप, सुनील, जुगेंद्र, अजयपाल, धर्मेंद्र वैध, रफत हुसैन, फरहत हुसैन, इकरार, फैज अहमद आदि की सहभागिता रही।