19फरवरी 2024 को गिंदो देवी महिला महाविद्यालय बदायूं की ओर से राष्ट्रीय सेवा योजना के सप्त दिवसीय शिविर के प्रथम दिन का प्रारंभ प्राचार्या डॉ गार्गी बुलबुल के निर्देशन में हुआ। सर्वप्रथम मां सरस्वती के समक्ष द्वीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
शिविर के पहले दिन का शीर्षक कौशल विकास हेतु युवा एवं महिला सशक्तिकरण रहा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला अस्पताल की मनोचिकित्सक डॉक्टर सर्वेश कुमारी रही।उन्होंने कहा कि मनोचिकित्सा आमतौर पर मानसिक स्वास्थ्य के इलाज के लिए मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक और अन्य मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीक है।
यह हमारे जीवन को नियंत्रित करने और स्वस्थ कौशल के विकास के साथ विभिन्न चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करने में मदद करता है। प्राचार्या महोदया डॉ( प्रो.)गार्गी बुलबुल ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मनोचिकित्सा के दौरान, आप अपने विशिष्ट मुद्दों के बारे में सीखते हैं और आपके विचार, भावनाएं और व्यवहार आपके को प्रभावित करते हैं जो सशक्तिकरण का एक बड़ा साधन है।
चीफ़ प्रॉक्टर प्रोफेसर इंदु शर्मा ने कहा मनोचिकित्सा का सबसे बड़ा कारण मन एवं मस्तिष्क है जो सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ इति अधिकारी ने कहा कि मनोचिकित्सा एक प्रकार का उपचार है जो विभिन्न प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों और चुनौतियों का सामना करने वाले व्यक्तियों को आंतरिक रूप से मजबूती प्रदान करता है।
राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनीता सिंह बताया कि मनोचिकित्सा अल्पकालिक या दीर्घकालिक लंबे समय से चले आ रहे और जटिल मुद्दों को उपचार के द्वारा सशक्त बनाता है।असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ सरला देवी चक्रवर्ती ने कहा कि मानसिक रूप से जूझ रही महिलाओं के उपचार की अवधि और आवृत्ति के आधार पर सशक्त बनाया जा सकता है।
शिविर में मतदान जागरूकता पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें प्रथम स्थान प्रियंका द्वितीय स्थान अनामिका एवं तृतीय स्थान वैष्णवी ने प्राप्त किया। इसके साथ ही मतदान जागरूकता पर रैली निकाली गई। कार्यक्रम में डॉ शिल्पी शर्मा, डॉ शालू गुप्ता ,डॉ प्रीति वर्मा डॉ शिल्पी तोमर आदि सभी महाविद्यालय की ओर से कार्यक्रम में उपस्थित रहें ।