November 21, 2024

दिनांक 10 /01/23 को आदर्श शिक्षक समूह के पटल पर विश्व हिंदी दिवस कार्यक्रम ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन गूगल मीट पर किया गया, जिसमें भारत के विभिन्न प्रदेशों के शिक्षक शिक्षिकाओं ने स्वरचित कविताओं के साथ काव्य पाठ किया ! कार्यक्रम की अध्यक्षता जन दृष्टि संस्था (व्यवस्था सुधार मिशन) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री हरि प्रताप सिंह राठौर द्वारा की गई! कार्यक्रम में मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ से श्री सुनील दत्त मिश्रा कवि/ अभिनेता , श्री शैलेश प्रजापति गुजरात, श्री रवि शर्मा जी कानपुर रहे। सभी शिक्षकों की काव्य प्रस्तुति शानदार रही!भगवान सिंह ने माँ सरस्वती वंदना गायन में ‘रोम रोम से तेरी वंदना हम करें। ‘तथा कार्यक्रम की संयोजिका पल्लवी शर्मा मुरादाबाद ने संस्कृत में स्वागत गीत ‘ महा महनीय मेधाविन त्वदीयं स्वागतम कुर्म:’गाकर सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया।

1.. हिंदी मेरी भाषा है, हिंदी मेरी आशा है, हिंदी का उत्थान करना यही मेरी जिज्ञासा है! सुमन रानी उत्तराखंड ने सुनाकर सबको मोहित कर दिया !
2- जान है हिन्दी,शान है हिन्दी ।
मेरे तो स्वाभिमान है हिन्दी ।।
डा नीलम सिंह चाहर आगरा उ प्र , का ढोलक पर गायन सबको बहुत लुभाया। डॉ नीलम के द्वारा कार्यक्रम का सुन्दर संचालन भी किया गया ॥


शिक्षिका व कवयित्री अलका गुप्ता ‘अलकाकृति’ ने “हिंदी की बेटी हूँ, हिंदुस्तान गाती हूँ” छन्दगीत गाकर खूब तालियां बटोरी।सुनीता श्रीवास्तव सुल्तानपुर ने सुनाया सरल होते संवाद मेरे जब कथन हिन्दी में कहतीं हूँ! गौतम बुद्ध नगर से श्वेता कनौजिया का अलग अंदाज सभी को बहुत अच्छा लगा जब उन्होंने सुनाया हम राष्ट्र भाषा हिंदी को अपना बना रखें सदा ,त्याग दें उस वाणी को जो छीन ले पहचा यहाँ॥प्रियंका शर्मा गौतम बुद्ध नगर ने अपने साथ अपने सुपुत्र की भी मंच पर प्रस्तुति दी !हमारी शान है हिंदी -हमारी आन है हिंदी ॥मुदित की रचना ‘संस्कृत की प्यारी बेटी है हिंदी ‘ पर सभी ने संस्कारी बालक की प्रशंसा की। हरदोई से विपिन त्रिपाठी जी की रचना और काव्यपाठ ‘हिंदी को नमन कर लिया -भारत को कर लिया। बहुत सुन्दर पंक्तियाँ लगीं !गुजरात से शैलेश प्रजापति ने सुनाया ‘मेरी माँ से कम नहीं -मेरी हिंदी छा जायेगी -जग में यकीन है ॥भारत की एकता को प्रतिपादित किया। शाहीन बेगम गाजीपुर ने सुनाया हिंदी को हम मिटने नहीं देंगे ,हम हिंदी में ही बोलेंगे’से हिंदुस्तानियों में आत्म विश्वास जगाने का प्रयास किया।

 

गोरखपुर से ममता प्रीति श्रीवास्तव ने ‘पूजनीय है हिंदी भाषा -है अनोखी हिंदी भाषा ‘सुनाकर सबको मातृ भाषा के प्रति श्रध्दा के सागर में डुबकी लगबा दी ॥छतीसगढ़ से गायत्री मिश्रा की पँक्तियाँ ‘मेरी हिंदी विश्व का ताज ‘सुनाकर भारत को विश्व गुरु बनाने की भावना बलवती की ,तथा तुलेश्वर सेन ने हर भारत वासी की पहचान है हिंदी ! राजेश सिंह अमेठी से’ हम हिंदुस्तानी हैं- पहचान हमारी हिंदी है ॥’लखनऊ से अमिता सचान ने हिंदी भारत माँ की बिंदी ! तथा बरेली से दोनो कवियत्री शिक्षिकाओं शशि रानी सिंह ‘सभी राज्यों को जोड़ने वाली हिंदी है ,”पूनम शुक्ला ने माँ जैसी ममता लगे-बहे प्रेम की धार सुनाकर हिंदी से ममत्व जगा दिया। अंत में आसाम से मंजूरी डेका ने ‘हिंदी भाव नहीं भावों की अभिव्यक्ति है सुनाकर ये दर्शा दिया कि भारत में हम किसी भी राज्य में रहें ,कोई भी क्षेत्रीय भाषा लिखें पढ़ें या बोलें परंतु यें हिंदी वट वृक्ष के समान पूजनीय है सब क्षेत्रीय भाषाएं इसकी शाखाएँ हैं ॥
कार्यक्रम का शानदार संचालन के साथ ही बबीता यादव ने ‘हिंदी है मेरी आन हिंदी है मेरी शान हिंदी मेरा स्वाभिमान ‘सुनाकर गर्व की अनुभूति कराई। अंत में पल्लवी शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया ।

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