मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूं के कार्यालय में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 एवम उत्तर प्रदेश सूचना का अधिकार नियमावली 2015 को मखौल बना दिया गया है। राज्य सूचना आयोग द्वारा गत दिनों उन पर भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के तहसील समन्वयक सहसवान आर्येंद्र पाल सिंह के प्रकरण में 25000/- रुपए अर्थदंड लगाया गया है।
भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट द्वारा मांगी गई सूचनाएंनही दी गई उनके द्वारा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 166,217 व 218 के अंतर्गत अभियाेग दर्ज कराने की कार्यवाही करने पर 142 दिन बाद सूचना देने से इंकार किया, इतना ही नहीं जिस पत्र के माध्यम से सूचना देने से इंकार किया गया वह हस्ताक्षरित ही नहीं था, अब इस प्रकरण में राज्य सूचना आयोग ने द्बितीय अपील ग्रहण कर ली है।
भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ ने 18- 10- 2022 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूं के कार्यालय में सूचना प्राप्ति हेतु आवेदन किया किंतु तीस दिन व्यतीत हो जानें के बाद सूचनाएं उपलब्ध न कराए जाने पर प्रथम अपील प्रस्तुत की गई है।