November 21, 2024

आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आज संविलियन विद्यालय मलंगपुरवा, ब्लॉक-बलहा,जिला बहराइच के शिक्षक अरुण कुमार ने पू0 मा0 वि0 बंजारन टांडा में बच्चों संग प्रभात फेरी निकाली ध्वजारोहण किया,तथा आजादी के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले अनगिनत प्रसिद्ध व गुमनाम क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानियों के साथ साथ आज के दिन जन्मे/निधन हुए गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की ।

शिक्षक अरुण कुमार द्वारा ब्लैक बोर्ड पर इनका चित्रण किया गया। अरुण कुमार संग रसोइयों एवं विद्यार्थियों ने महापुरुषों को नमन किया तथा पुष्प अर्पित किये। शिक्षक अरुण कुमार ने बताया अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म हुआ था। महात्मा गाँधी ने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन का नेतृत्त्व किया था और अहिंसा के दर्शन का प्रचार किया। यह माना जाता है कि अहिंसा के दर्शन का विकास महात्मा गाँधी ने प्रसिद्ध रूसी लेखक लेव तालस्तोय के साथ मिलकर किया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून, 2007 को एक प्रस्ताव पारित कर दुनिया से यह आग्रह किया था कि वह शांति और अहिंसा के विचार पर अमल करें और महात्मा गाँधी के जन्म दिवस को “अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस” के रूप में मनाए।

लाल बहादुर शास्त्री एक प्रसिद्ध भारतीय राजनेता, महान् स्वतंत्रता सेनानी और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। वे एक ऐसी हस्ती थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में देश को न सिर्फ सैन्य गौरव का तोहफा दिया बल्कि हरित क्रांति और औद्योगीकरण की राह भी दिखाई। शास्त्री जी किसानों को जहां देश का अन्नदाता मानते थे, वहीं देश के सीमा प्रहरियों के प्रति भी उनके मन में अगाध प्रेम था जिसके चलते उन्होंने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया।इसके बाद मेरठ में जन्में, काकोरी एक्शन के महान क्रांतिकारी अंडमान निकोबार के सजायाफ्ता बिष्णु शरण दुब्लिश जी के बारे में बताया।चंपारण के गांधी के नाम से मशहूर महान स्वतंत्रता सेनानी प्रजापति मिश्र जी के बारे में बताया।।

इसके बाद वीरांगना लीला नाग रॉय के बारे में बताया जो अविभाजित बंगाल में जन्मीं, दीपाली संघ की संस्थापक, दीपाली स्कूल, नारी शिक्षा मंदिर, शिक्षा भवन, शिक्षा निकेतन की संचालिका थी। इसके बाद झारखंड के क्रांतिकारी शेख भिखारी, स्वतंत्रता सेनानी गोकुल लाल असावा व आज के दिन जिनका निधन हुआ भारतरत्न के0 कामराज, व राजकुमारी अमृता कौर के जीवन के बारे में बताया।अरुण कुमार ने कहा आजादी के लिए अनगिनत लोगों ने बलिदान दिया था।प्रत्येक भारतवासी उन सब के कर्जदार हैं ,ये कर्ज चुकाया नही जा सकता है हम भारतवासी उन बलिदानियो का गुणगान करके,उनको नमन करके कर्ज चुकाने का प्रयास कर सकते हैं,ये प्रयास केवल तीन राष्ट्रीय पर्वो पर नही बल्कि नित्य करना चाहिए।

 

अंत मे बच्चों को स्वच्छता, नशामुक्ति, महिला सशक्तिकरण के बारे में बताया।बच्चों ने रेडटेप मूमेंट के अंतर्गत पेड़ पौधों पर लाल पट्टी बांधकर उनकी देखरेख व सुरक्षा का संकल्प लिया। देशभक्ति गीत गाये, व देशभक्ति से ओतप्रोत नारे लगाये। बच्चों को योगाभ्यास कराये , खेल खिलाये।समापन पर बच्चों व ग्रामवासियों को मिठाई वितरित की गयी।

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