आओ हे माँ
मेरी शेरावाली माँ
तेरे दर पे खड़ी हूँ
मैं हाथ जोड़कर
दर्श दिखा दो हे माँ ssss
दर्शन की आस में खड़ी हुई
रुद्राणी हे पर्वत वासिनी
ब्रह्मचारिणी तू है सुरेश्वरी
ज्वाला देवी तू पिनाक धारिणी
लाल चुनरी ओढ़के
सिंह पर सवार हो
सिद्धिदात्री माँ चंद्रघंटा हो मेरी
अ Ssssssssssssss
आओ हे मां ——-
नवरात्रों की है बहार तूsss
भक्तों के दिल की है आस तू
शक्ति रूपिणी हो देवी माँ sss
भक्तों को दे अभय वरदान तू
कूष्मांडा हो माँ ,स्कंदमाता हो माँ
स्वाहा स्वधा कल्याणी हो माँ।
आओ हे माँ ——
स्वरचित -पल्लवी शर्मा मुरादाबाद