आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय बदायूं के द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में नैक से संबंधित गुणवत्ता संवर्धन की तकनीकी को अपनाने के लिए ऑनलाइन एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आसाम,बिहार,पंजाब, मध्य प्रदेश,महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, तमिलनाडु,केरला, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश आदि भारत के विभिन्न राज्यों के शिक्षाविद, प्रोफेसर एवं प्राचार्य ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला का उदघाटन मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ संध्या रानी ने उदबोधन के द्वारा किया। कार्यशाला के कीनोट स्पीकर एवम मुख्य प्रशिक्षक राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद एवं यूजीसी कमेटी के वरिष्ठ सदस्य, पुणे महाराष्ट्र के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ एन एस धर्माधिकारी ने विश्वविद्यालय – महाविद्यालय में NAAC के मानक के अनुरूप गुणवत्ता संवर्धन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए नैक मूल्यांकन की तैयारी करने के तौर-तरीकों से परिचित कराया।
डॉ धर्माधिकारी ने कहा कि आज भारत में उच्च शिक्षा गुणवत्ता के संकट से गुजर रही है। नैक की प्रक्रिया से गुजरना एक ऐसी अग्निपरीक्षा है जिसको पास करने के बाद सिर्फ कालेज की गुणवत्ता में ही संवर्धन नहीं होता है, अपितु उससे जुड़े हुए समस्त आचार्य, उपाचार्य एवम उनके विद्यार्थी के व्यक्तित्व का विकास भी होता है और इनके ही माध्यम से समाज का उत्थान करना मूल लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि NAAC परिणाम आधारित योजना पर आधारित है जो छात्र छात्राओं के कौशल विकास के साथ उच्च शिक्षा संस्थानों से डाटा एकत्र कर राष्ट्र के उत्थान की योजना बनाने में सहायक सिद्ध होता है। उदारीकरण व बाजारीकरण के दौर में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में क्षरण हुआ है, जिसको रोकना सभी शिक्षाविदों का परम कर्तव्य है।
मूल्यांकन से हतोत्साहित होने की नहीं बल्कि सामना कर स्वयं का, अपने शिक्षण संस्थान का, स्टूडेंट का और इन सबके माध्यम से समाज का सुधार और विकास करने की जरूरत है। उच्च शिक्षा क्लास रूम से आमजन तथा शोध लैब टू लैंड होनी चाहिए।
प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने स्वागत भाषण के द्वारा अतिथियों का स्वागत किया। एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के संयोजक डॉ संजीव राठौर ने कार्यशाला के उद्वेश्य से सभी को अवगत कराया तथा सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। आयोजन सचिव डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने संचालन किया। अतिथि परिचय डॉ बबिता यादव ने प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर डॉ आरपी सिंह यादव, डॉ डॉली, डॉ अनिल कुमार, डॉ अंशु सत्यार्थी, डॉ शोभना, डॉ सहदेव, डॉ आसिफ खान, डॉ अरुण कुमार, डॉ अतुल सरोजवाल, डॉ गौतम चक्रवर्ती, डॉ ममता वर्मा, प्रशांत भारती, डॉ दीपांकर सिंह, डॉ प्रभात कुमार पांडे, डॉ मोहम्मद वकार रजा,डॉ अनुज सिंह, डा अमजद खान, राशिदी रुकैया, सविता शर्मा, छवि,डॉ नीलम मौर्य, डॉ कुमुद त्रिपाठी, डॉ अंकिता, डॉ एकता सिंह, डॉ मंजूषा, डॉ संजय कुमार, डॉ सतीश सिंह यादव, डॉ राजधारी यादव, डॉ दिलीप वर्मा, डॉ प्रेमचंद्र चौधरी, डॉ ज्योति विश्नोई, डॉ गौरव कुमार सिंह, डॉ नीरज कुमार, डॉ मितिलेश, डॉ सारिका शर्मा, डॉ हुकुम सिंह, डॉ सरिता आदि उपस्थित रहे।