लोकतंत्र में नागरिक को मालिक होने का अहसास कराता है सूचना का अधिकार।
१८वें राष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस पर किया सत्याग्रह।
जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के तत्वावधान मे राष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय पर संगठन के कार्यकर्ताओ, सहयोगियों व पदाधिकारियों ने राष्ट्र राग “”रघुपति राघव राजाराम ……”” का कीर्तन कर सूचना अधिकार को सुदृढ बनाए जानें तथा दुर्बल बनाने के प्रयास में संलग्न लोक सूचना अधिकारियो, प्रथम अपीलीय अधिकारियो एवम सूचना आयुक्तों की सद्बुधि हेतु ईश्वर से प्रार्थना की।
तत्पश्चात मालवीय आवास गृह से जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च निकाला तथा देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व गृह मंत्री एवम उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व मुख्य सूचना आयुक्त को मांग पत्र जिलाधिकारी बदायूं के माध्यम से प्रेषित किए।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए जन दृष्टि (व्यवस्था सुधार मिशन) के अध्यक्ष/ संस्थापक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि बर्ष २००५ मे सूचना का अधिकार प्राप्त होने पर देश के नागरिकों को प्रथम बार अहसास हुआ कि वे देश के मालिक हैं।
सूचना के अधिकार ने नागरिकों की उन सूचनाओं तक पहुंच बनाई जो कि सांसदों और विधायकों की पहुंच में थी। सूचना का अधिकार प्राप्त हुए आज पूरे अठारह वर्ष हो गए हैं।
इस अधिकार के प्रयोग से देश में अनेक बदलाव भी देखने को मिले हैं। अनेक नागरिकों का बलिदान भी हुआ है। नौकरशाही इस कानून को दुर्बल बनाने में संलग्न हैं।
श्री राठोड़ ने कहा कि सभी सूचना कार्यकर्ता निर्भीकता के साथ लोकहित में सूचना के अधिकार का प्रयोग करें। इस अति महत्त्वपूर्ण अधिकार का प्रयोग किसी का उत्पीड़न करने अथवा हानि पहुंचाने के लिए नही करना है।
कठिनाइयों के निवारण हेतु हम सबने अंतरराष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस के अवसर पर भी मांग उठाई थी। अंतरराष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस से राष्ट्रीय सूचना अधिकार दिवस तक नागरिकों में चेतना उत्पन्न करने हेतु सूचना अधिकार जन जागरण पखवाड़ा का आयोजन किया गया। इस अवधि में व्यापक लोकहित के अनेक विषय संगठन द्वारा उठाए गए।
केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल ने कहा कि सबसे मजबूत सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 है जो कि केवल जनता के लिए ही बनाया गया है। जिसकी ताकत से आप सरकार से सीधा सवाल पूछ सकते है।
जो जवाब संसद और विधानसभा को देने के लिए बाध्य है जो आम नागरिक को भी देने के लिए जन सूचना अधिकारी बाध्य है बस लड़ना पड़ता है प्रथम अपील, सूचना आयोग में दितिय अपील ,शिकायत और जरुरत पड़ने पर उच्च न्यायालय तक जाना पड़ता है उसके लिए धेर्य रखना पड़ता है भ्रष्ट्राचारी का निश्चित ही पतन होता है।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से मार्गदर्शक धनपाल सिंह, संरक्षक एम एल गुप्ता, सुरेशपाल सिंह चौहान, केंद्रीय कार्यालय प्रभारी रामगोपाल, सह केन्द्रीय कार्यालय प्रभारी अखिलेश सिंह, प्रदेश समन्वयक डॉ सुशील कुमार सिंह, मंडल समन्वयक एम एच कादरी, जिला समन्वयक सतेंद्र सिंह गहलौत, सह जिला समन्वयक महेश चंद्र, तहसील समन्वयक सहसवान आर्येंद्र पाल सिंह, तहसील समन्वयक बदायूं राम लखन, नेत्रपाल, इकरार अली, बब्लू, श्यामपाल, धनपाल आदि की सहभागिता रही।