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राजकीय महाविद्यालय में आईआईटी कानपुर द्वारा कराई गई दो दिवसीय वर्चुअल लैव कार्यशाला

*राजकीय महाविद्यालय में आईआईटी कानपुर द्वारा कराई गई दो दिवसीय वर्चुअल लैव कार्यशाला*

आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय में भौतिक विज्ञान के स्नातक स्तरीय छात्र छात्राओं के लिए दो दिवसीय ऑनलाइन वर्चुअल लैब का आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि राजकीय महाविद्यालय बदायूं के भौतिक विज्ञान विभाग के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के नवीन पाठ्यक्रम में, वर्चुअल लैब के पाठ्यक्रम को आईआईटी कानपुर के साथ समझौता किया गया है। आईआईटी कानपुर से संबंद क्षेत्रीय केंद्र पीएसआईटी कानपुर की नोडल कोऑर्डिनेटर एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अपर्णा दीक्षित दो दिवसीय कार्यशाला के मुख्य वक्ता रहीं।


डॉ अपर्णा दीक्षित ने महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली द्वारा जारी किए गए पाठ्यक्रम के अनुरूप टैजेन्शियल गलवानोमीटर, मैग्नेटिक फील्ड एलांग एक्सेस आफ ए सर्कुलर कॉइल कैरिंग करंट, एंडरसन ब्रिज इत्यादि प्रयोगों पर विस्तृत रूप से कार्यशाला में उपलब्ध छात्र छात्राओं के साथ जानकारी दी। डॉ दीक्षित ने कार्यशाला में दोनों दिन ऑनलाइन उपस्थित देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को वर्चुअल लैब की उपयोगिता भी बताई।

डॉ दीक्षित ने बताया कि वर्चुअल लैब के छात्रों को प्रयोगशाला कौशल को विकसित करने के उद्देश्य से एक आभासी शिक्षण और सीखने के माहौल को संदर्भित करता है। सबसे महत्वपूर्ण ई-लर्निंग उपकरणों में से एक के रूप में छात्र को वास्तविक प्रयोगशालाओं की बाधाओं के विपरीत, जगह, समय एवं इंटरनेट की किसी भी बाधा के बिना विभिन्न प्रयोग करने की अनुमति देते हैं।
डॉ अपर्णा दीक्षित ने कहा कि हम शिक्षक बंधु छात्रों को कई ऐसे प्रयोग करने में सक्षम करें जो प्रैक्टिकल जोखिमों के कारण वास्तविक प्रयोगशालाओं में करना मुश्किल हो। शिक्षकों और छात्रों को समय के दुरुपयोग एवं अनावश्यक बाधाओं से बचाने में मदद करें क्योंकि उन्हें प्रयोगशालाओं में प्रवेश करने या एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए निश्चित समय का पालन करने की आवश्यकता नहीं होती है।
उन्होंने अपने व्याख्यान के दौरान यह भी बताया कि वर्चुअल लैब उपयोगकर्ताओं को 3डी बहुउपयोगकर्ता दुनिया में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान या जीव विज्ञान जैसे शैक्षिक क्षेत्रों में प्रयोग करने की अनुमति देगा।जहां उपयोगकर्ताओं को अवतारों द्वारा दर्शाया जाता है, और उन्हें एक वास्तविक और उनको सीखने हेतु कुशलतापूर्वक अनुकरण करने के लिए सेवाओं पर संचार और सहयोग की एक विस्तृत श्रृंखला पेशकश की जाती है।


डॉ दीक्षित ने नोडल अधिकारी एवं कार्यशाला के संयोजक डॉ संजीव राठौर का आईआईटी कानपुर के साथ वर्चुअल लैब हेतु साझा समझौता करना एवं वर्तमान सत्र में ही विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित कराना एक बड़े सामाजिक सोच का परिचायक बताया। उन्होंने कहा कि डॉ संजीव राठौर की तरह ही हम समस्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध शिक्षण संस्थानों में वर्चुअल लैब की व्यवस्था करने के भरसक प्रयास करने चाहिए क्योंकि वर्चुअल लैब को संचालित करने के लिए इंटरनेट की कोई आवश्यकता नहीं होती है।

राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने छात्र छात्राओं को वर्चुअल लैब की सुविधा राजकीय महाविद्यालय में उपलब्ध करा कर बदायूं जनपद एवं आसपास के समस्त विद्यार्थियों के भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में भविष्य उन्नयन हेतु अनूठा कार्य किया है।
प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने कहा के शिक्षा के बदलते परिवेश मैं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रयोगशाला पाठ्यक्रम को भी विधिवत संचालित करने का उत्तरदायित्व संबंधित शिक्षकों एवं महाविद्यालय प्रशासन का ही होता है।
प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता जी ने कहा कि आगामी भविष्य में विश्वविद्यालय स्तर पर राजकीय महाविद्यालय बदायूं द्वारा आईआईटी कानपुर के सहयोग से एक ऑफलाइन वर्चुअल लैब कार्यशाला का आयोजन किए जाने के योजना बनाई जाएगी जिससे ऑनलाइन वर्चुअल लैब कार्यशाला में विद्यार्थियों को जिन दिक्कतों का सामना करना पड़ा है उनकी भरपाई ऑफलाइन कार्यशाला में विद्यार्थी भली-भांति कर सकेंगे।

कार्यशाला में देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्राध्यापक भी उपलब्ध रहे। जिनमें विशेष कर भारतीय भौतिकी शिक्षक परिषद आइएपीटी के चंडीगढ़ से नेशनल सेक्रेटरी डॉ संजय शर्मा, देहरादून से आईएपीटी के नेशनल एग्जाम कोऑर्डिनेटर डॉ बीपी त्यागी, आइएपीटी के उत्तर प्रदेश रीजनल काउंसिल आरसी-4 के अध्यक्ष डॉ देवेश कुमार त्यागी, सेक्रेटरी प्रोफेसर अखिलेश तिवारी, डॉ पी सी श्रीवास्तव इत्यादि विद्वान प्राध्यापक भी उपलब्ध रहे।
संचालन कार्यशाला के संयोजक डॉ संजीव राठौर ने किया।

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