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मिशन शक्ति विशेष अभियान के तहत “अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस” पर “बदलते परिवेश में परिवार की भूमिका एवं दायित्व” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

मिशन शक्ति विशेष अभियान के तहत “अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस” पर “बदलते परिवेश में परिवार की भूमिका एवं दायित्व” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन कर पौधारोपण कर परिवारों की मौलिकता को बनाए रखने का संकल्प लिया।ततपश्चात अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस को समर्पित पौधारोपण कर परिवारों की मौलिकता को बनाए रखने का संकल्प लिया।

गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय बदायूँ की आई क्यू ए सी के तत्वावधान में प्राचार्या प्रोफेसर डॉ वंदना शर्मा के संरक्षण एवं निर्देशन में व मिशन शक्ति प्रभारी असिस्टेंट प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती के संयोजन एवं नेतृत्व में चलाए जा रहे में चलाए जा रहें “मिशन शक्ति विशेष अभियान” के तहत “अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस” पर “बदलते परिवेश में परिवार की भूमिका एवं दायित्व” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया ततपश्चात पौधारोपण कर
कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या प्रोफेसर वंदना शर्मा के करकमलों द्वारा माँ शारदे के समक्ष द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। छात्राओं को संबोधित करते हुए प्राचार्या प्रोफेसर वंदना शर्मा ने बताया कि परिवार वैश्विक समाज की आधारभूत इकाई हैं। हमारा भारतीय समाज हमेशा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की विचारधारा से संचालित रहा है एवं इसी भावना का मूर्त रूप संयुक्त परिवार है रामराज्य से लेकर कृष्ण के साम्राज्य तक संयुक्त परिवार की संकल्पना का पोषण हुआ है।

परंतु आज के बदलते परिवेश में संयुक्त परिवारों का स्थान एकल परिवारो ने ले लिया है। जिस कारण वृद्धाश्रम भी बढ़ रहे हैं। इससे एकल परिवारों में बच्चे एकाकीपन का शिकार हो रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए आई क्यू ए सी कॉर्डिनेटर व मिशन शक्ति प्रभारी असिस्टेंट प्रोफेसर सरला चक्रवर्ती ने बताया कि कि संयुक्त परिवार उस वट वृक्ष जैसा है जिसे स्वयं नहीं मालूम की उसकी जड़ें कितनी और कहाँ तक फैली हैं। संयुक्त परिवार में शिशु के लालन पालन से लेकर उसके समाजीकरण की प्रक्रिया का उद्भव होता है एवं उचित मार्गदर्शन एवं देखरेख में उसके व्यक्तित्व का पूर्ण विकास होता है। यही कारण है कि आज बच्चों में एकाकीपन बढ़ा है और उनका पूर्ण व्यक्तित्व विकास नही हो पा रहा है। उप प्राचार्या डॉ गार्गी बुलबुल ने बताया कि परिवार किसी भी समाज पर राष्ट्र की सबसे छोटी एवं महत्वपूर्ण इकाई होती है जो मिलकर ही समाज पर राष्ट्र का निर्माण करती है। छात्राओं में राजकुमारी, रितिका राजपूत, सलोनी शंखधार, उजाला शंखधार, वैष्णवी, संगीता, सौम्या सक्सेना, नूरजहाँ, सीमा, सीते आदि ने अपने विचारों के माध्यम से बताया कि परिवार मुख्यतः संयक्त परिवार हमें सामाजिक एवं नैतिक संस्कारों की जड़ों तक ले जाता है जहाँ से व्यक्ति में अनुशासन एवं स्वत्रन्त्रता की भावना का उदय होता है। इस अवसर पर डॉ इन्दु शर्मा, डॉ श्रद्धा ,डॉ शिखा सहित समस्त महाविद्यालय परिवार ने अपने अपने विचारों को रखा। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर सरला चक्रवर्ती ने किया। अंत में सभी छात्राओं ने अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस को समर्पित पौधारोपण कर परिवारों की मौलिकता को बनाए रखने का संकल्प लिया।

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जन दृष्टि - व्यवस्था सुधार मिशन

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