JANDRASHTIउत्तर प्रदेश समाचाररचना

एक जीवन मिला सभी को,अनेक वो जी लेती है।

*अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष*

एक जीवन मिला सभी को,अनेक वो जी लेती है,

सब की खुशी में खुश होकर, हर दुःख वो सह लेती है।

नन्ही गुड़िया बनकर घर में नन्हे नन्हे कदम रखे,

माता पिता से बढ़कर वो ना और किसी को समझे,

नन्ही चिड़िया घर आंगन में पंख भी नहीं खोलती है,

एक जीवन मिला सभी को,अनेक वो जी लेती है।

दूजे घर में ब्याह कर,जब नई खुशियां सजाती है,

सब को समझते समझते वो खुद को भूल जाती है,

नई खुशियों को प्यार देकर मातृ धर्म निभाती है,

एक जीवन मिला सभी को,अनेक वो जी लेती है।

पिता की जगह जिसने ससुर को पाया,

भाई का भी उसने प्यार भुलाया,

अपने जिम्मेदारी बढ़ाकर, रात दिन भुला देती है,

एक जीवन मिला सभी को,अनेक वो जी लेती है।

आधुनिकता के साथ चल,संस्कार नहीं भुलाती है,

कर्तव्य मार्ग पर डटकर रहती,हार न कभी जताती है,

संघर्षों में पथ ना भटकना, खुद से यह कह लेती है,

एक जीवन मिला सभी को,

अनेक वो जी लेती है,

सब की खुशी में खुश होकर,

हर दुःख वो सह लेती है।

नन्ही गुड़िया बनकर घर में नन्हे नन्हे कदम रखे,

माता पिता से बढ़कर वो ना और किसी को समझे,

नन्ही चिड़िया घर आंगन में पंख भी नहीं खोलती है,

एक जीवन मिला सभी को,

अनेक वो जी लेती है।

दूजे घर में ब्याह कर वो जब नई खुशियां सजाती है,

सब को समझते समझते वो खुद को भूल जाती है,

नई खुशियों को प्यार देकर मातृ धर्म निभाती है,

एक जीवन मिला सभी को,

अनेक वो जी लेती है।

पिता की जगह ससुर को पाया, भाई का उसने प्यार भुलाया,

अपने जिम्मेदारी बढ़ाकर, रात दिन भुला देती है,

एक जीवन मिला सभी को,

अनेक वो जी लेती है।

डॉ प्रीति चौधरी

 बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश।

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जन दृष्टि - व्यवस्था सुधार मिशन

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