JANDRASHTIउत्तर प्रदेश समाचाररचना
नारीशक्ति की कर पूजा,नारी सम नहीं है दूजा।
*स्वरचित कविता*
*शीर्षक-नारी सम दूजा नहीं।*
नारीशक्ति की कर पूजा।
नारी सम नहीं है दूजा।।
नारी शक्ति धरा पर आई।
नर नारायण को वह लाई।।
नारी सम नहीं कोई जग मे।
लक्ष्मी का वास है उसके पग मे।
शक्ति स्वरूपा नारी महान्।
नारी की शक्ति कम ना जान।।
शक्ति स्वयं ही धरा पर आई।
नारी रुप में बन कर छाई।।
नारी से है यह ज़हान।
नारी है गुणो की खान।।
*नसीमबानु रसुल भाई खोखर*खाखरीपुरा प्राथमिक विद्यालय, ब्लॉक झगड़िया जिला भरुच,
*गुजरात।*