November 23, 2024

शीर्षक- हे नारी तुम्हें प्रणाम ????

लेखिका- सुनीता श्रीवास्तव (सुल्तानपुर, उ. प्र.)

हे नारी तुम्हें प्रणाम ????

तुझ सा जग में कोई नही ।।

संसार की तुम तारणहारिणी ।

पाप नाशिनी देह धारिणी ।।

जग की हो तुम निर्माता ।

पहली शिक्षक शिशु तुमको ही पाता ।।

हे नारी तुम्हें प्रणाम ????

तुझ सा जग में कोई नही ।।

मुख लालन का जब समय रहा ।

तुम्हीं ने हर दर्द को हस कर सहा ।।

तुम वह शक्ति हो जो अपने शिशु को देख हँसती हो।

अपने शिशु को कभी ना रोने देती हो ।।

हे नारी तुम्हें प्रणाम ????

तुझ सा जग में कोई नही ।।

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