आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय बदायूं में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में ” हिन्दी की दशा एवं दिशा ” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ नरेंद्र कुमार बत्रा ने कहा कि हिंदी समावेशी भाषा रही है तथा जिस प्रकार भारत ने सभी मानव समुदायों को अपनाया उसी प्रकार हिंदी भी विश्व की अन्य भाषाओं के शब्दों को उदार हृदय से अपना कर निरंतर प्रगति के पथ पर बढ़ती जा रही है । मुख्य अतिथि जिला कृषि अधिकारी दुर्गेश कुमार सिंह गौर ने कहा कि हिंदी के साथ-साथ अन्य भाषा को सीख कर हिंदी को समृद्ध किया जा सकता है। विशिष्ट अतिथि जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी प्रणव कुमार पाठक ने कहा कि हिंदी अब इंटरनेट की दुनिया तथा तकनीकी क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण होती जा रही है।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि ज्ञान साध्य है, भाषा साधन और यदि मातृभाषा को साधन के रुप में अपनाया जाए तो ज्ञान प्राप्त करना सहज होगा, इसलिए हमें अपनी मातृभाषा को अधिक से अधिक समृद्ध बनाना चाहिए।
हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ रवींद्र सिंह यादव ने कहा कि भाषा मनुष्य की वह विशेषता है जो उसे पशुओं से अलग करके उन्नत दर्जा प्रदान करती है । भाषा जितनी सशक्त होगी संप्रेषण उतना ही मजबूत होगा और ज्ञान उतना ही समृद्ध होगा। कार्यक्रम का संचालन हिंदी प्राध्यापक डॉ प्रेमचंद ने किया उनके अनुसार हिंदी की प्रशंसा किसी अन्य भाषा का अपमान नहीं। भारत विविधतापूर्ण देश है, हम जितनी अधिक भाषाएं जानेंगे हमारी हिंदी उतनी ही अधिक समृद्ध होगी ।
इस अवसर पर डॉ अनिल कुमार ने काका हाथरसी की कविता प्रस्तुत कर सबको खुश कर दिया। छात्र अनूप कुमार सिंह, निखिल कुमार, पवन कुमार ने प्रभावशाली विचार प्रस्तुत किया। रोहित शर्मा, अनामिका, गौसिया आदि ने काव्य पाठ प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में डॉ शशि प्रभा, डॉ संजीव राठौर, डॉ सारिका शर्मा, डॉ ज्योति विश्नोई, डॉ सरिता, डॉ राशेदा खातून, डॉ सतीश सिंह यादव, डॉ पवन कुमार शर्मा, डॉ नीरज कुमार, डॉ दिलीप कुमार वर्मा, डॉ संजय कुमार, डॉ गौरव कुमार सिंह, प्रमोद कुमार शर्मा, वीर बहादुर, कदीर अहमद आदि उपस्थित रहे।