राजकीय महाविद्यालय आवास विकास में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में चलाए जा रहे मिशन शक्ति के तृतीय चरण में आज एक संगोष्ठी का आयोजन कर राजनीति में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने किया।म तथा संचालन छात्रा इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डॉ बबीता यादव ने किया।
प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने कहा कि पंचायती राज कानून लागू होने के बाद 33% आरक्षित सीटें महिलाओं को मिली हैं,किंतु उनमें अधिकांश महिला जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि पुरुष ही होते हैं। पुरुष प्रधान समाज में महिला उम्मीदवारों की स्वीकार्यता उनके पारिवारिक पुरुष प्रतिनिधियों के आधार पर होती है।राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ डॉली ने कहा कि मात्र इंदिरा गांधी के 16 वर्षीय प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल के आधार पर महिलाओं की राजनीतिक सशक्तिकरण का आकलन नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि संसद में और राज्य की विधायिकाओं में महिला भागीदारी की दयनीय स्थिति पंचायती राज कानून व्यवस्था की भांति 33% आरक्षण की मांग करती है। वनस्पति विज्ञान की अध्यक्ष डॉ सरिता यादव ने कहा कि राजनीतिक रूप से सशक्त महिला ही महिलाओं का उत्थान कर सकती है। वहीं डॉ ज्योति बिश्नोई ने कहा कि हृदय की संवेदनशीलता महिलाओं की विशेषता है, जो लोककल्याणकारी शासन के लिए अनिवार्य तत्व है। संवेदनशील शासक ही समस्त जनों का कल्याण कर सकता है।
इस अवसर पर डॉ बरखा, डॉ शशि प्रभा, डॉ सतीश सिंह यादव, डॉ राकेश कुमार जायसवाल, डॉ दिलीप बर्मा, डॉ राजधारी यादव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।