स्नेहिल प्रभात वंदन सभी को। ईश्वर कृपा बनाये रखें।
होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं। आपकी शुभचिंतक होने के नाते अपने सभी मित्रों को नेक सलाह…..
होली के हुड़दंग में, पड़ा रंग में भंग ।
पीठ बनी थी ढोलकी, गाल बने मृदंग ।।
चढ़ा नशा था भांग का, दिखी नहीं थी डोर ।
देख पराई नार को, मन नांचा ज्यूं मोर ।।
पकड़ कलाई प्रेम से, खींचा अपनी ओर
हुआ हाल पल भर में ये,जिसका ओर न छोर।।
किसी लाल चक्षु वाली ने, बाँह चढ़ाई ऊपर।
पीट-पीटकर के मुझको,बना दिया है जोकर ।।
मित्रों नेक सलाह है, सीमा कभी न लांघ ।
होली कितनी खेल लो, मत पीना तुम भांग ।।
पत्नी को बस छोड़कर,समझो सबको बहना ।
बहुत बड़ा अनुभव मेरा, मानो मेरा कहना ।।
#माना #होली #प्रेम #का, #बहुत #बड़ा #त्योहार ।
#पर #बाँटोगे #दुनिया #में, #बस #खाओगे #मार ।।
डॉ रश्मि दुबे
गाजियाबाद