विषय नारी
है नारी ममता की मूर्ति
नारी से जीवन पाया है
नारी से पैदा राम हुए
नारी ने मोहन जाया है।
नारी रूप महान है
सब रत्नों की खान है
नारी शक्ति अपार है
करती बेड़ा पार है।
है नारी श्रद्धा और शक्ति
नारी की भक्ति महान है
नारी जग कल्याण है
अद्भुत रूपों की खान है।
नारी जग आधार है
करती बहुत उपकार है
कभी तेज धार तलवार है
करती दुष्टों पर प्रहार है
है नारी अद्भुत शक्ति
माँ की ममता और दुलार है
नारी पालन हार है
आलौकिक तेज श्रंगार है।
गरिमा वार्ष्णेय, हाथरस