November 23, 2024

राजकीय महिला महाविद्यालय बदायूं के तत्वाधान में संयुक्त रुप से मिशन शक्ति एवं आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत परशुराम जयंती पर ऑनलाइन जनपद स्तरीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मिशन शक्ति नोडल अधिकारी ने छात्राओं को ईद, अक्षय तृतीया एवं परशुराम जयंती के अवसर पर शुभकामना प्रदान किया। विचार गोष्ठी को प्रारंभ करते हुये डॉ स्मिता जैन ने भगवान परशुराम के जीवन के बारे में छात्राओं को जानकारी प्रदान किया। भगवान परशुराम भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य एवं दानवीर कर्ण जैसे महारथियों के गुरु रहे उन्होंने इन महारथियों को शस्त्र और शास्त्र दोनों का ही ज्ञान प्रदान किया भारत के इतिहास में इन महारथियों ने अपनी एक अलग पहचान बनायी। वाणिज्य विभाग विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने छात्राओं को परशुराम जी की पितृ भक्ति के बारे में जानकारी प्रदान किया कि किस प्रकार पिता के आदेशों का पालन करने के लिए उन्होंने अपनी माता एवं भाई का गला काट दिया और फिर पिता से प्रार्थना कर उन्हें पुनः जीवित करवा लिया। अंग्रेजी विभाग के डां राजधन ने परशुराम जी के नामकरण के बारे में बताया कि पहले इनका नाम राम था भगवान शिव से आशीर्वाद रूप में परशु प्राप्त करने के पश्चात इनका नाम परशुराम पड़ा। डीपी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ शुभ्रा माहेश्वरी ने सहसवान से परशुराम जी के संबंध के बारे में जानकारी प्रदान किया यह जनश्रुति है कि सहस्त्रबाहु ऋषि जमदग्नि की कामधेनु गाय चुरा कर अपने राज्य ले आया परशुराम जी जब वह गाय लेने आए तो उन्होंने अपने फरसे से भूमि पर प्रहार किया तो वहां से पानी की सहस्त्रधारा फूट पड़ी जिसे आज भी सहसवान में सरसौता नाम से जाना जाता है सहस्त्रबाहु के किले के अवशेष का साक्ष्य वर्तमान समय में भी प्राप्त होता है। कार्यक्रम का संचालन कर रही डॉ वंदना ने बताया कि आज इस मार्शल आर्ट को महिला सुरक्षा की मुख्य कड़ी के रूप में मानकर छात्राओं को प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों तक मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है उसे हमारे भारत में कलरीपटृम कहा जाता है जिस के संस्थापक परशुराम जी रहे। भगवान परशुराम जी को प्रकृति तथा जीव जंतु से अत्यंत प्रेम था जिसके फलस्वरूप उन्हें पशु-पक्षी आदि सभी की भाषा समझ में आती और वह जिस पशु को भी प्यार से सहला देते वह उनके आगे नतमस्तक हो जाता था।

कार्यक्रम में रसायन विज्ञान विभाग के डॉ बृजेश ने छात्राओं को बताया कि भगवान परशुराम ने भारत में कोंकण, गोवा, केरल जैसे बृहद ग्रामों की स्थापना की जो आज के समय में शहरी क्षेत्र में आते हैं इन जगहों पर परशुराम जयंती अत्यंत धूमधाम से मनाई जाती है कार्यक्रम में राजकीय महिला महाविद्यालय की छात्रा अनामिका पटेल ने भगवान परशुराम के सभी नामों के अर्थ उनकी विशेषता के बारे में बताया । परशुराम जयंती के उपलक्ष में राजकीय महिला महाविद्यालय में परशुराम जी के जीवन परिचय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें छात्रा कारिया, फरहाना एवं अनामिका पटेल के निबंध अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं सराहनीय रहे। कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय बिल्सी से डॉ आराधना वर्मा, गिंदो देवी महिला महाविद्यालय से डॉ इति सरकार , राजकीय महाविद्यालय बिसौली से डॉ पारूल रस्तोगी तथा राजकीय महिला महाविद्यालय से श्रीमती मनीषा भूषण एवं डॉ संजीव श्रीवास आदि उपस्थित रहे।

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