November 23, 2024

“मिशन शक्ति विशेष अभियान” के तहत “महिला सुरक्षा एवं कन्या भ्रूण हत्या” विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया ततपश्चात परामर्श सत्र का आयोजन कर छात्राओं की समस्याओं का निस्तारण खोजने का प्रयास किया गया।
गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय बदायूं में आई० क्यू०ए०सी० के तत्वावधान में “नारी सुरक्षा,सम्मान एवं स्वावलंबन हेतु चलाए जा रहे “मिशन शक्ति विशेष अभियान” के तहत आज दिनांक: 02 मई 2022 को प्राचार्या डॉ वन्दना शर्मा के संरक्षण में मिशन शक्ति प्रभारी असिस्टेंट प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती के संयोजन एवं निर्देशन में “महिला सुरक्षा एवं कन्या भ्रूण हत्या” विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ वन्दना शर्मा के करकमलों द्वारा माँ शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या डॉ वंदना शर्मा ने बताया कि जब तक कन्या भ्रूण हत्या, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ जैसी घटनाएं होती रहेंगी तब तक महिला सशक्तीकरण नहीं हो सकता। बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए हमें इन कुप्रथाओं को समाप्त करना होगा। तभी मिशन शक्ति जैसे कार्यक्रमों को सार्थकता प्रदान की जा सकती हैं।
कार्यक्रम प्रभारी असिस्टेंट प्रोफेसर सरला देवी चक्रवर्ती ने कहा कि भगवान बुद्ध की इस धरती से दुनिया को शांति का संदेश मिला। आज हम सभी को बुद्ध की इस धरती पर संकल्प लेना होगा कि लड़के और लड़की का भेदभाव पूरी तरह से मिटाएंगे।
बेटे एक ही घर को रोशन करते हैं, जबकि बेटियां दो घरों में उजाला लाती हैं। यदि इन्हें भेद भाव रहित खुला आसमान मिले तो निश्चित ही समाज व देश में संपन्नता आएगी। इसके लिए हम सभी को मिलकर आगे आना होगा।
डॉ गार्गी बुलबुल ने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या एक कानूनी अपराध होने के साथ-साथ सामाजिक अपराध भी है, लैंगिक असमानता का सबसे बड़ा कारण कन्या भ्रूण हत्या है। जिस दिन हम अपनी बेटियों को बेटों के बराबर समझने लगेंगे, उस दिन कन्या भ्रूण हत्या अपने आप रुक जाएगी।


डॉ इन्दु शर्मा ने बताया कि हमें बेटा व बेटी में भेदभाव को मिटाना होगा। तभी वास्तव में महिला सशक्तीकरण का ख्वाब पूरा होगा। डॉ निशी अवस्थी, डॉ उमा सिंह, डॉ श्रद्धा, डॉ शिखा सहित सभी शिक्षिकाओं ने अपने अपने विचार रखे।छात्राओं में कु संगीता, राजकुमारी, मेघा, पलक, पल्लवी, लवली शर्मा, दिशा सिंह, इलमा नाज, शालिनी सागर आदि ने अपने विचारों को साझा किया। ततपश्चात परामर्श सत्र का आयोजन कर छात्राओं की समस्याओं का निस्तारण खोजने का प्रयास किया गया। अंत में सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गई।

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